प्रयागराज: बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी में परिषदीय शिक्षकों के हित में वादे तो कई किए, लेकिन एक का भी क्रियान्वयन नहीं हो सका। शिक्षक और उनके परिजन परेशान है कि वादें कब पूरे होंगे। प्रस्तुत है कुछ प्रमुख वादे…।
शिक्षकों जिले के अंदर स्थानांतरण देंगे:
मंत्री सतीश द्विवेदी ने 23 अप्रैल को ट्वीट कर शिक्षकों के जिले के अंदर जल्द ट्रांसफर की बात कही थी। उसके बाद 7 अगस्त को समीक्षा बैठक में भी अगस्त में ही तबादले की बात कही, जिसका जिक्र बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेश विक्रम बहादुर सिंह ने 12 अगस्त को जारी बैठक के मिनट्स में किया था। लेकिन शासनादेश जारी नहीं हुआ और ना ही प्रक्रिया आगे बढ़ सकी । प्रयागराज में 2016 के बाद से जिले के अंदर तबादला नहीं हुआ है। अन्य जिलों में भी यही समस्या है। शिक्षकों का कहना है कि उनका पद जिले के कैडर का है। ट्रांसफर में उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए लेकिन अंतर्जनपदीय तबादले तो हो रहे हैं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
ग्रामीण नगर क्षेत्र का कैडर खत्म करने का भी ऐलान किया
मंत्री ने परिषदीय स्कूलों के नगर और ग्रामीण कैडर समाप्त करने का भी कई बार ऐलान किया है। हाल ही में 25 अगस्त को कानपुर में बैठक के दौरान यह बात दोहराई लेकिन अब तक आदेश जारी नहीं हुआ नगर और ग्रामीण क्षेत्र का कैडर खत्म होने से शहरी सीमा में शिक्षकों की कमी दूर हो सकेगी।
योग मृतक आश्रितों को सीधे कलर के बनाएंगे
मंत्री ने 24 मई को कोरोना मृत शिक्षकों के आश्रितों को सीधे कनिष्ठ लिपिक के अधिसंख्य पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने की घोषणा की थी। जिन आश्रितों के पास शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए अनिवार्य अर्हता होती है। उन्हें तो शिक्षक बना दिया जाता है लेकिन उनकी बात चतुर्थ श्रेणी पद पर ही नियुक्ति दी जाती है। क्योंकि विभाग में क्लर्क के पद रिक्त नहीं मिलते। मंदिर की घोषणा के बाद आशिकों में उम्मीद जगी थी लेकिन आज तक आदेश जारी नहीं हुआ।