प्रयागराज। उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में साल्वर गैंग के सरगना समेत छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने प्रयागराज और कौशांबी जिले में कार्रवाई की। अभियुक्तों के कब्जे से इलेक्ट्रानिक उपकरण, प्रश्न पत्र, ओएमआर शीट समेत अन्य कागजात बरामद हुए हैं।
भनक लगने पर कई टीम की गई थी सक्रिय
एसटीएफ सीओ नवेंदु कुमार ने बताया कि नकल कराने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिलने पर अलग-अलग टीमों को सक्रिय गया गया था। इसी दौरान पता चला कि कौशांबी के ओसा स्थित दुर्गा देवी इंटर कालेज में मूल अभ्यर्थी दीपक सिंह निवासी धाऊ कोरांव के स्थान पर साल्वर पंकज कुमार परीक्षा दे रहा है। इस पर उसे पकड़ लिया गया और फिर पूछताछ के बाद गिरोह के सरगना राहुल, अभिषेक, उदय शंकर को परीक्षा केंद्र के बाहर से गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्तों ने बताया कि वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कर पास होने वाले जरूरतमंद अभ्यर्थियों की तलाश करते हैं। इसके बाद साल्वर बैठाने, पेपर आउट कराने व नकल करने की सामाग्री उपलब्ध कराने का काम करते हैं। पहली पाली में उन्होंने दीपक की जगह पंकज को बैठाया था। इसके लिए दीपक से डेढ़ लाख रुपये में बात हुई थी। 40 हजार रुपये में बिहार से साल्वर पंकज को बुलाया था। वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है। उसे 20 हजार एडवांस भी दिया था। इसी तरह अन्य अभ्यर्थियों से अलग-अलग पैसा लिया जाता था। इसी तरह वाराणसी व प्रयागराज एसटीएफ की यूनिट ने नैनी के चकदाउद नगर स्थित लक्ष्मी देवी इंटर कालेज के पास से टीईटी की फर्जी उत्तरकुंजी बेचने के आरोप में रवि प्रकाश व मनीष को गिरफ्तार किया गया। इस गैंग से जुड़े रोहित, आनंद व अंकुर फरार हैं, जिनकी तलाश चल रही है।
10 हजार में बेच रहे थे फर्जी उत्तरकुंजी
एसटीएफ का कहना है कि गैंग के सरगना रवि प्रकाश ने वाट्स एप पर ब्राडकास्ट ग्रुप बनाया था, जिसमें तमाम लोगों को जोड़ रखा था। आनंद ने सोमवार रात करीब एक बजे फर्जी उत्तरकुंजी मनीष के मोबाइल पर भेजा। इसके बाद मंगलवार सुबह पांच बजे रोहित ने रवि प्रकाश को कूटरचित उत्तरकुंजी वाट्स एप पर भेजी। इसके बाद दोनों शख्स परीक्षा केंद्र के बाहर पहुंचकर अभ्यर्थियों को 10-10 हजार रुपये में फर्जी उत्तरकुंजी बेचने का प्रयास कर रहे थे। इससे पहले भी वह ऐसा करके तमाम अभ्यर्थियों को ठग चुके हैं।