यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं का परिणाम घोषित होने के बाद प्राप्तांक से संबंधित शिकायतें सिरदर्द बन रही हैं। हजारों परीक्षार्थियों के अंक पत्र पर कई-कई विषयों में नंबर की जगह शून्य अंक दर्ज है। स्कूलों की लापरवाही के कारण छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावकों को भी परेशान होना पड़ रहा है। यही वजह है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सूबे के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेज कर दसवीं व बारहवीं की प्री बोर्ड और अर्द्धवार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।
सचिव की ओर से 10 अगस्त को जारी पत्र के अनुसार यूपी बोर्ड 2021 के परीक्षा फल से संबंधित छात्रों द्वारा शिकायतों के निवारण के लिए प्रार्थना पत्र प्रेषित किए जा रहे हैं। इन शिकायतों के निवारण के लिए उत्तर पुस्तिकाओं की आवश्यकता पड़ती है। अत: विद्यालय द्वारा कराई गई कक्षा 9 की वार्षिक परीक्षा, कक्षा 10 की प्री बोर्ड परीक्षा, कक्षा 11 की अर्द्धवार्षिक परीक्षा, तथा कक्षा 12 की प्री बोर्ड की उत्तर पुस्तिका को सुरक्षित रखा जाए।
हजारों बच्चों के अंक पत्र पर नंबर की जगह शून्य
यूपी बोर्ड का रिजल्ट 31 जुलाई को घोषित किया गया था, लेकिन हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के हजारों विद्यार्थियों के अंक पत्र पर नंबर की जगह शून्य या एक्स अंकित है। ऐसे में उन्हें प्रमोट कर दिया गया है। यह अंक पत्र स्नातक में दाखिले के लिए मान्य नहीं है। इसलिए इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं अधिक परेशान हैं। सूत्रों के अनुसार यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए तकरीबन 56 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पंजीकृत रहे। इसमें तकरीबन 7 से 8 फीसदी छात्रों के अंक पत्र में गड़बड़ियां हैं। विगत दिनों मालती देवी आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ने ग्रीवांस सेल में शिकायत की थी कि हाईस्कूल के छात्रों के अंक पत्र में नंबर के बजाए एक्स अंकित है।
पूर्णांक से ज्यादा नंबर देने की वजह से हुई गलतियां
बोर्ड से जुड़े सूत्रों की मानें तो यह गलती इसलिए हुई है, क्योंकि प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अपने विद्यार्थियों को अधिक अंक देने के लिए प्री परीक्षा और प्रयोगात्मक परीक्षा में पूर्णांक से ज्यादा अंक दे दिया। उन छात्रों के अंकों को कंप्यूटर कैप्चर नहीं कर सका। जिससे उनके अंक पत्र में शून्य या एक्स अंकित हो गया है।