यूपी के हर जिले में पंचायत सहायक की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। आवेदन पत्र जमा हो चुके हैं, इस समय उनकी जांच का काम चल रहा है। इसके बाद मेरिट लिस्ट तैयार होगी। अधिकांश जिलों के हर ब्लॉक पर बड़ी संख्या में आवेदन पहुंचने से स्कूटनी में दिक्कत हो रही है, कर्मचारी बड़ी ही सावधानी के साथ आवेदन पत्राें की जांच कर रहे हैं।
प्रशासनिक समिति देखी मेरिट लिस्ट
मेरठ में खंड विकास अधिकारी सुरेन्द्र कुमार व सहायक विकास अधिकारी पंचायत प्रदीप शर्मा ने बताया कि ब्लॉक की 47 ग्राम पंचायतों पर पंचायत सहायकों पदों के लिए 405 आवेदन आए हैं। 23 अगस्त तक इनकी सूची तैयार की जा रही है। 24 अगस्त को ब्लॉक कार्यालय से सूची ग्राम पंचायतों पर भेज दी जाएगी। वहां पर प्रधान और पंचायत सचिव इनकी वरीयता सूची तैयार करेंगे। ग्राम पंचायतें 31 अगस्त तक सूची ब्लॉक कार्यालय पर भेज देंगी। ब्लॉक कार्यालय से वरीयता सूची के साथ सभी आवेदन जिला मुख्यालय पर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय भेजेंगे। डीएम द्वारा गठित समिति सात सितंबर तक परीक्षण कर नियुक्ति सूची जारी कर देगी। आठ सितंबर को पंचायत सहायक की नियुक्ति हो जाएगी और उनकी नौकरी शुरू हो जाएगी।
इलाहाबाद कोर्ट में पहुंचा मामला:
इस भर्ती को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने भर्ती के लिए 25 जुलाई को जारी शासनादेश की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकारी अधिवक्ता से एक सप्ताह में जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने जौनपुर के देवी प्रसाद शुक्ल की याचिका पर दिया है। याचिका में मांग की गई है कि छह हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर पिछले 15 साल से समान पद पर कार्यरत 37 हजार ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित किया जाए या पंचायत सहायक भर्ती में आयुसीमा में छूट के साथ कार्य अनुभव को वरीयता देकर चयनित कर नियुक्ति की जाए। याचिका में कहा गया है कि समान पद पर याचियों का कार्य संतोषजनक है । शासनादेश में अनुभव को वरीयता देने की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसा करना मनमानापूर्ण और शक्ति का दुरुपयोग है। इस भर्ती से याचियों की सेवा की अनिश्चितता बनी रहेगी। नई भर्ती से भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का रास्ता बनेगा। अनुभवी बाहर कर दिए जाएंगे इसलिए न्यायालय याचियों के हितों की रक्षा के लिए इसमें हस्तक्षेप करे।