प्रतापगढ : नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सदर बाजार में अभी भी सिर्फ एक ही शिक्षिका की तैनाती है। जागरण टीम हर साल अभियान चलाती है और मैडम मरियम उसी विद्यालय में अकेले पढ़ाती मिलती हैं। वह 14 साल से यहां हैं। हालांकि, पिछले वर्ष से स्कूल के संविलियन होने के बाद दो शिक्षा मित्र मिले हैं। इनमें से एक का पता नहीं रहता। इस स्कूल में 184 बच्चे हैं। एक शिक्षिका इतने बच्चों को कैसे पढ़ाती होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। यह अकेले इसी स्कूल की बात नहीं है। नगर क्षेत्र के अधिकांश परिषदीय स्कूलों का यही हाल है।
शनिवार को जागरण टीम जब संविलियन विद्यालय सदर बाजार पहुंची तो मैडम मरियम खातून कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को पढ़ाती मिलीं। चार-पांच बच्चे खड़े होकर तेज आवाज में मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है, पढ़ा रहे थे। पूरी कक्षा के बच्चे इसे दोहरा रहे थे। जागरण टीम को देखते ही मैडम ने कहा भैया अभी मेरा दुख दूर नहीं हुआ। वर्ष 2007 से मैं अकेले बच्चों को पढ़ा रही हूं। उस समय भी आपकी जागरण टीम आई थी, आपलोग ही कुछ करिए। कक्षा एक के मो. नाजिम, फिजा बानो, सलोनी, रतन जायसवाल, कक्षा दो के दीवान प्रजापति, सिया गुप्ता, नैंशी, कक्षा तीन के करन प्रजापति आदि बच्चों ने बताया कि अभी तक न तो किताबें मिली हैं और न ही यूनिफार्म। पुरानी किताबों से वह पढ़ाई कर रहे हैं। दूसरे कमरे में कक्षा चार पांच के बच्चों को शिक्षामित्र सुषमा सिंह पढ़ा रही थीं। मालूम हुआ कि यहां एक शिक्षा मित्र राकेश मिश्रा भी हैं, जो रजिस्टर में हस्ताक्षर कर गायब मिले। कार्यालय में प्रधानाध्यापक मनोज पांडेय शिक्षक डायरी बना रहे थे। उन्होंने बताया कि अब सभी अध्यापकों को डायरी के अुनसान पठन-पाठन कराना होता है। उसी को मेनटेन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की बेहद कमी है। सरकार को ध्यान देना चाहिए।