केंद्र ने मृतकों के परिजनों को सहायता देने के लिए राज्य सरकार को गाइडलाइन भेजी
ये हैं प्रमुख दिशा-निर्देश
■ 50 हजार रुपये की सहायता देश में कोरोना का पहला केस रिपोर्ट किए जाने की तिथि से दिया जाएगा। यह सहायता कोरोना के मृत्यु से मामले में आगे भी जारी रहेगी।
■ कोरोना महामारी में यह सहायता आम लोगों की कोविड से मृत्यु के साथ बचाव, तैयारी व अन्य आवश्यक गतिविधियों से जुड़े लोगों की मृत्यु पर भी कवर होगी।
■ राज्य सरकार सहायता दावे के लिए आवेदन का एक प्रोफार्मा बनाएगी। इसके साथ कोविड से मृत्यु का निर्धारित सर्टिफिकेट देना होगा।
■ जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण आवेदन लेने आवश्यक दस्तावेजों की जांच व सत्यापन के साथ सहायता देने का काम सुनिश्चित करेगा।
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राज्य आपदा मोचक निधि (एसडीआरएफ) से दी जाएगी। केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ गाइडलाइन में संशोधन कर दिशानिर्देश राज्य सरकार को भेज दिए हैं। राज्य सरकार में सचिव राजस्व व राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया कि इन निर्देशों के मुताबिक आगे की कार्यवाही की जारी रही है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को 50 हजार रुपये की सहायता देने का एलान किया है। यह राशि एसडीआरएफ से देने का निर्देश दिया गया है। प्रदेश के एसडीआरएफ में इस साल 2,578 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। इस फंड में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार की और 25 प्रतिशत राज्य सरकार को होती है।
चूंकि एसडीआरएफ में शामिल आपदाओं से जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की सहायता का प्रावधान है। ऐसे में केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा तैयार नई गाइडलाइन के अनुसार कोरोना से मृत्यु पर एसडीआरएफ से 50 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान करते हुए संशोधित दिशा- निर्देश जारी कर दिया है। गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंध प्रभाग में अनुसचिव आशीष कुमार सिंह ने संशोधित दिशा-निर्देश प्रदेश सरकार को भेजा है।
केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दिए एक जवाब में कहा है कि कोरोना से मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की ये रकम राज्य अपने डिजास्टर रिलीफ फंड से पीड़ितों के परिजनों को देंगे।
केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी NDMA ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कोरोना से जुड़ी मौत पर मुआवजे की रकम और प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की गई थी कि कोरोना से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
नियम के मुताबिक प्राकृतिक आपदा से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा मिलता है। लेकिन जिस तादाद में कोरोना से लोगों को मौत हुई है उसके बाद केंद्र सरकार ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया था।
केंद्र ने कहा था कि इतना बड़ा मुआवजा देने से सरकार को भारी नुकसान होगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद आज एनडीआरएफ ने बताया कि कोरोना से मरने वालों के परिवारवालों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि ये पैसा राज्य सरकारों के अधीन काम करने वाली एसडीआरएफ देगी।
ऐसे करना होगा आवेदन
मुआवजे के लिए परिवार को जिले के डिजास्टर मैनेजमेंट दफ्तर में आवेदन देना होगा। इसके आवेदन के साथ कोरोना से हुई मौत का प्रूफ यानी मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा। यह भी कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान कोरोना से होने वाली मौतों के संबंध में मुआवजे की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी।