अब आम लोग भी आंगनबाड़ी आने वाले छोटे बच्चों को खिलौने, जूते-मोजे, फर्नीचर या फिर किताबें या स्कूल बैग दे सकेंगे। सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए बाल विकास व पुष्टाहार विभाग ने ‘एक संग’ एप लांच किया है। इसमें सहयोग करने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री लम्बे समय से सामुदायिक सहभागिता पर जोर देते रहे हैं। इस एप से लोग अपने समाज के गरीब बच्चों से जुड़ सकेंगे और उन्हें उनकी जरूरतों का पता चल सकेगा। इस एप पर आंगनबाड़ी केन्द्रवार आवश्यक सामग्री व संख्या पोर्टल पर डाला जाएगा, जिससे सहयोग करने वाले को पता चले कि किस केन्द्र में किस चीज की जरूरत है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री इसकी फीडिंग करेगी। जब भी किसी केन्द्र को सामग्री मिलेगी तो कार्यकत्री इस एप पर इसे फीड करेगी और इसके बाद सहयोग करने वाले को धन्यवाद का मैसेज भी भेजा जाएगा और एप पर से इस केन्द्र की वह सामग्री हट या घट जाएगी।
हर जिले में एक सहयोगकर्ता का होगा चयन
हर जिले से एक सर्वश्रेष्ठ सहयोगकर्ता का चयन होगा और उनका नाम, फोटो व सहयोग का विवरण पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा और हर तीन महीने में परिवर्तित किया जाएगा। बाल विकास परियोजना अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी इस सूची में आवश्यक सामग्री की संख्या या वर्ग भी जोड़ सकते हैं। 3-3 श्रेष्ठ सहयोगकर्ताओं को चुना जाएगा। इसमें आंगनबाड़ी केन्द्रवार व सामग्री वर्ग में 3-3 सहयोगकर्ताओं समुदाय आधारित कार्यक्रमों में बुलाया जाएगा।
ये सामग्री दे सकते हैं लोग
खिलौने, स्टेशनरी, किताबें, स्कूल बैग, वॉटर बोतल, स्टोरेज के लिए अलमारी, कंटेनर, बॉक्स, टिफिन, बर्तन, जूते-मोजे, चार्ट, कुर्सी, मेज, पर्दे, दरी, चटाई, भवन मरम्मत, बाला मॉडल आधारित वॉल पेंटिंग, पेयजल के लिए आरओ या अन्य, बाल मैत्री शौचालय, क्रीडा क्षेत्र, पोषण वाटिका, फेंसिंग, साइन बोर्ड, ब्लैक बोर्ड