वाराणसी: आंगनबाड़ी के बच्चों को अब आ जाती थी पैकेट बंद पोषाहार के बजाय अब जनपद में ही तैयार पंजीरी आदि खिलाई जाएंगी इस कार्य में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन यानी एन आर एल एम की महिलाएं योगदान देंगी। जनपद के चिन्हित विकासखंड में 88_88 लाख रुपए लागत की प्लांट स्थापित कर उन के माध्यम से यह पोषाहार तैयार कराए जाएंगे प्लांट के लिए एजेंसी तय कर ली गई है ।
इस बारे में तैयारी कुछ ऐसी है कि जिन स्वयं सहायता समूहों की पोषाहार बनाने की कार्य में लगाया जाएगा उन्हें एक कंपनी का स्वरूप देकर काम कराएंगे। इसीलिए चयनित छ: विकास खंडों में माइक्रो एंटरप्राइजेज बनाया गया है। ताकि उस कंपनी के नाम से पोषाहार तैयार कर उसकी आपूर्ति कराना संभव हो सके। सो. सेवापुरी आराजी लाइन पिंडारा चिरईगांव चोलापुर और बड़ागांव ब्लाक में प्लांट लगाने के लिए हर एक माइक्रो एंटरप्राइजेज में 20 महिलाओं की हिस्सेदारी तय की गई है। हरहुआ और काशी विद्यापीठ ब्लाक में संकुल संगठन देर से बनने के चलते इन दोनों विकास खंडों को शामिल नहीं किया गया है। शासन का मानक है कि यह प्लांट किसी सरकारी भवन में स्थापित हो लेकिन जिले में आवश्यकतानुसार क्षेत्रफल में कोई सरकारी भवन उपलब्ध ना होने के कारण प्रावधान के तहत किराए के भवन में इसका संचालन करने की कवायद है।