वाराणसी: शिक्षा का अधिकार के तहत ग्रामीण बच्चों को निजी विद्यालयों में मुख्य दाखिले प्रावधान है लेकिन अब दिन में भी दलाल सक्रिय हो गए हैं। बच्चों के अभिभावक को ठगने में सफल हो जा रहे हैं और उनसे 4 से 5000 की वसूली भी कर रहे हैं ताजा मामला चौबेपुर स्थित एसओएस हरमन माइनर स्कूल का है।
जहां बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर युक्त लेटर से मुक्त दाखिले का मामला प्रकाश में आया है। यही नहीं दलालों ने शातिर तरीके से सिफारिश लेटर में पत्रांक संख्या तिथि के साथ सामुदायिक शिक्षा के जिला समन्वयक विमल केसरी कब फर्जी हस्ताक्षर और मोहर भी किया हुआ है। कोच्चि पंचराम के निवासी कृष्णा यादव ने आरटीआई के तहत अपने बच्चों के निजी विद्यालय में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन उनके बच्चे का चयन नहीं हो सका। इस बीच इसकी मुलाकात किसी तरह जालसाज उसे हो गई जाल सालों ने बीएसए राकेश सिंह के नाम पर सिफारिश पत्र बना दिया। जिसमें बीएसए की ओर से चौबेपुर स्थिति एस ओ एस हरमन माइनर स्कूल के प्रबंधक व प्रधानाचार्य के नाम से बारिश पत्र जारी किया गया था
जिसमें यह कहा गया कि कृष्णा यादव ने अपने पुत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किए थे लेकिन उनके बच्चे को विद्यालय आवंटित नहीं हो सका जबकि यह अत्यंत निर्धन हैं ऐसे में प्रार्थी की पुत्र का प्रवेश लेते हुए इनकी सूचना दें। माइनर स्कूल ने उनकी पुत्री का प्रवेश लेकर इसकी सूचना बीएसए कार्यालय को दी तो फर्जीवाड़े की पोल खुल गई। बीएसए कार्यालय ने विद्यालय में सिफारिश पत्र मंगवाया तो पता चला कि पत्र भी फर्जी है वह फर्जी अंक में पत्रांक संख्या तिथि भी अंकित है। जिस की कॉपी डीएम सीडीओ एडी बेसिक को लिखी गई है। यही नहीं सामुदायिक शिक्षा के जिला समन्वयक विमल कुमार केसरी का फर्जी हस्ताक्षर व सील भी लगा हुआ है। सामुदायिक शिक्षा के जिला समन्वय विमल केसरी ने दलालों के फर्जी हस्ताक्षर कर शुरू में ही पता चल जाने के कारण उक्त आवेदन को अरशद क्या कर दिया गया।