बिजनौर: शिक्षा सत्र अप्रैल में शुरू हुआ। अप्रैल से अब तक छह माह हो गए हैं लेकिन बेसिक स्कूलों में शिक्षा ले रहे नौनिहालों को अब तक यूनिफॉर्म नहीं मिली है। बिना यूनिफॉर्म के बच्चे विद्यालय आ रहे हैं। कब डीबीटी एप पर बच्चों का डाटा फीडिंग होगा और कब यूनिफॉर्म का पैसा अभिभावकों के खाते में आएगा कहना मुश्किल है। बच्चों को अभी यूनिफॉर्म का इंतजार करना पड़ सकता है ?
बेसिक स्कूलों के नौनिहालों की यूनिफॉर्म डीबीटी एप के फेर में न फंस जाए। इस बार यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते मौजे और स्कूल बैग का पैसा अभिभावकों के खाते में आएगा। डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में पैसा आएगा। बेसिक स्कूलों के अध्यापकों द्वारा अपने मोबाइल पर डीबीटी एप डाउनलोड किया गया है। एप पर अध्यापकों को छात्रों का डाटा फीडिंग करना होगा। डीबीटी एप डाउनलोड करने के बाद अध्यापकों का डाटा सही होगा। डीबीटी एप पर प्रत्येक बच्चे के अभिभावक का आधार नम्बर, उसका बैंक खाता नम्बर, मोबाइल नम्बर और आधार कार्ड के अनुसार अभिभावक का नाम उसमें भरना है। अध्यापक इस कार्य में जुटे हैं।
अध्यापकों के मुताबिक अभी डीबीटी एप पर पूरी रफ्तार के साथ छात्रों का डाटा फिडिंग का कार्य नहीं हो पा रहा है। डीबीटी एप पर अध्यापक कब तक छात्रों का डाटा फीडिंग करेंगे यह कहन मुश्किल है। बतादें कि पब्लिक स्कूलोें को टक्कर देने की बात कहीं जाती है लेकिन छह माह हो गए ना तो छात्रों को यूनिफॉर्म मिली और न ही जूते मौजे और स्कूल बैग। ऐसे कैसे पब्लिक स्कूलों को टक्कर दी जाएगी। अब ऐसे हालात में अभिभावकों के खाते में यूनिफॉर्म का पैसा आएगा कुछ कहा नहीं जा सकता। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि थोड़ा समय लग सकता है लेकिन आने वाले सालों में यूनिफॉर्म वितरण को लेकर सभी परेशानी दूर हो जाएगी।
कोट
डीबीटी एप पर छात्रों के डाटा फीडिंग का कार्य चल रहा है। बहुत जल्द अभिभावकों के खाते में यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, जूते मौजे और स्वेटर का पैसा पहुंचेंगा। उम्मीद है कि जल्द ही नौनिहालों को यूनिफॉर्म मिल जाएगी। कार्य तेजी से चल रहा है।
— जयकरन यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर