प्रयागराज: रेलवे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा के साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों के फार्म निरस्त किए जाने का मामला अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय पहुंच गया है। अभ्यर्थियों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। आवेदन करने वाले छात्रों का कहना है कि उन्हें हाईकोर्ट से उम्मीदें हैं।
इससे पहले केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, (कैट) इलाहाबाद में यह मामला चल रहा था। कैट ने रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (आरआरसी) के विवेक पर मामला डाल दिया था। आवेदनकर्ताओं को आदेश दिया था कि वह निरस्त फार्म को फिर से आरआरसी को भेजें। इसके बाद हजारों अभ्यर्थियों ने तमाम दस्तावेजों को पूरा करने के बाद फार्म भेजे थे। अब अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगाई है।
क्या है मामला
आरआरसी की ग्रुप डी परीक्षा के लिए एक करोड़ पंद्रह लाख अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। आरआरसी ने पांच लाख 11 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन इनवैलिड फोटो और सिग्नेचर के कारण निरस्त कर दिए। प्रभावित अभ्यर्थियों ने ट्वीट और मेल किया तो आरआरसी ने सॉफ्टवेयर की गलती मानते हुए निरस्त फॉर्म को फिर से सबमिट करने को कहा। इस बार 44 हजार 422 आवेदन स्वीकार कर लिए। बाकी बचे साढ़े चार लाख छात्रों के आवेदन को निरस्त ही माना गया। ग्रुप डी की परीक्षा के लिए जो फोटो और हस्ताक्षर को सॉफ्टवेयर ने इनवैलिड माना वही फोटो और सिग्नेचर रेलवे की एनटीपीसी परीक्षा में मान्य हो गया। ऐसे में साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका तो उन्होंने इस लड़ाई को आगे बढ़ाया।