लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती के मामले में सरकार से पूछा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण है या नहीं। कोर्ट ने इस संबंध में सरकारी वकील के आग्रह पर खास तौर पर सरकार से निर्देश लेकर 23 सितंबर को पक्ष पेश करने को कहा है कि निर्धारित फॉर्मेट पर स्कूटी का कालम है या नहीं।
न्यायमूर्ति आर मसूदी ने यह आदेश दीपिका मिश्रा की याचिका पर दिया है याचिका में ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए संबंधित फॉर्म में जिक्र ना होना कहा गया है। याची के अधिवक्ता बृजेश कुमार तिवारी का कहना था कि आगनबाडी, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं की भर्ती होनी है। इसके लिए 29 जनवरी के शासनादेश में ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण देने का भी प्रावधान था।
इसके बाद मांगी गई ऑनलाइन आवेदन की प्रोफार्मा में ईडब्ल्यूएस वर्ग का कोई कारण नहीं है यानी सूअर के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है।