वाराणसी: कभी 1 किलो चावल में 32 बच्चों को खाना तो कभी प्लेट से दूध गायब तो कभी फल तो कभी बासी भोजन खाने से बच्चों के बीमार होने से लेकर मौत होने तक….। यह कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाले मध्यमान भोजन से जुड़ी हैं।
वाराणसी जिले के प्राथमिक विद्यालय भी ऐसी घटनाओं से अछूते नहीं हैं। मध्यान भोजन की बात तो हो या फिर कोरोना काल के बाद स्कूल खोलने पर स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से बच्चों तक खाना पहुंचाने का। हर दिन उसमें एक नई गड़बड़ी मिल रही है। लेकिन इसके बाद भी विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी की वजह चाहे जो हो नतीजे बच्चों को ही खेलने पड़ते हैं। शिकायत होने पर विभाग के अधिकारी सिर्फ जांच कमेटी गठित कर भूल जाते हैं जांच पर जांच चलती है लेकिन रिपोर्ट नहीं आ पाती ।
कब सामने आया कौन सा मामला
4 सितंबर 2021:- प्राथमिक विद्यालय का ककरमत्ता नी बच्चों को बदबूदार चावल और आलू सोयाबीन की सब्जी परोसी गई इसलिए। जिससे बच्चे ने खाने से इंकार कर दिया था बीएसए ने जांच टीम भी गठित की थी अब तक जांच चल रही है।
9 सितंबर 2021:- काशी विद्यापीठ में पहाड़ी ग्राम सभा के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को मेरे लिए दाल रोटी की जगह दाल और नान परोसा गया था। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने इसकी शिकायत बीएसए व मंडुवाडीह थाना अध्यक्ष से की।
15 सितंबर 2021:- नगर क्षेत्र के कई विद्यालयों में इस दिन बच्चों में मैंने के अनुसार तारीख को भेजी गई थी लेकिन दूध के लिए जब स्वयं सेवी संगठन ने मांग की गई तो असमर्थता जताई थी। इस मामले की शिकायत बीएसए की गई तो जिसकी जांच चल रही है।
16 सितंबर 2021:- कई विद्यालयों में मेंन्यू में दाल रोटी की बजाय बदबूदार चावल और दाल परोसी गई थी। जिसकी वजह से 2 विद्यालयों के 157 बच्चे बिना खाए घर चले गए थे।
4 मार्च 2020:- प्राथमिक विद्यालय नियार ने छात्रों को मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा रहा था। जब इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी से की गई तो विभाग में हड़कंप मच गया। शिकायत पर भी योनि निरीक्षण कर प्रधान अध्यापक विद्यालय से हटा दिया था।
22 अक्टूबर 2019:- प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय तेंदुई न्यू हैंडपंप में गंदा पानी आने के कारण मिड-डे-मील नहीं बना। इसके चलते करीब 200 बच्चों को बिना भोजन के रहना पड़ा था जिसकी शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी व बीडीओ से हुई थी।
मामला संज्ञान में आया है स्कूल जाकर भोजन की गुणवत्ता जांचगे बच्चों से भी गुणवत्ता व रुचि के बारे में पूछेंगे जो भी फीडबैक आएगा उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। दाल रोटी और दूध को लेकर जो शिकायत उनके लिए विद्यालय में बने मां समूह के सदस्य को निर्देशित किया जाएगा। – राकेश सिंह बीएसए