फिरोजाबाद: प्राथमिक स्कूल रैपुरा में एमडीएम में अनियमितता प्रकाश में आई है। स्कूल में 2019 में 363 बच्चों के हिसाब से सरकारी सुविधाओं का लाभ मिला, लेकिन जब कोरोना काल में लॉकडाउन में अभिभावकों को सीधे खाद्यान्न देने की बारी आई तो सौ से ज्यादा बच्चे पहुंचे ही नहीं। एबीएसए की जांच के बाद बीएसए ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है।
कोरोना काल में जब बच्चों के खाते में कन्वर्जन कास्ट भेजने की बारी आई तो रैपुरा स्कूल में 363 बच्चों के सापेक्ष मात्र 257 को मध्याह्न भोजन योजना का लाभ मिल सका। 2020-21 में 351 के सापेक्ष 245 को ही योजना का लाभ मिल सका। प्रेरणा पोर्टल पर भी इसे पकड़ा गया। जब इसकी जांच शुरू हुई तो प्रधानाध्यापक ने स्कूल से सौ बच्चे ड्रॉप आउट दिखा दिए। इससे खंड शिक्षाधिकारी को इस पर संदेह हुआ, उन्होंने जब जांच की तो पता चला कि राशन डीलर से भी खाद्यान्न नहीं उठा। इसके लिए प्रधानाध्यापक को नोटिस भेजा तो उन्होंने पहले नोटिस का जवाब नहीं दिया। दूसरे नोटिस का जवाब भी संतोषनजक नहीं था। ऐसे में एबीएसए ने शिक्षक को निलंबित करने की संस्तुति की। इस पर बीएसए अंजलि अग्रवाल ने प्रधानाध्यापक हुकुम सिंह को निलंबित कर दिया है।
गोंदई में भी फंसे थे शिक्षक :
बताया जाता है कि गोंदई में भी एक बार शिक्षक पर इस तरह की अनियमितता का आरोप लगा था। उस मामले की भी जांच की गई थी, जिसमें शिक्षक पर विभागीय कार्रवाई की गई थी।
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच :बीएसए अंजलि अग्रवाल ने कहा है कि प्रथम दृष्टया जांच में गड़बड़ी पाई गई है। इस मामले में हमने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। एओ सर्व शिक्षा के साथ में बीईओ अरांव एवं टूंडला की कमेटी बनाकर जांच कराई जा रही है।