101 साल का इतिहास…दो-दो परिसर…बेहतरीन शिक्षाविदों की लम्बी फेहरिस्त…मगर इन सबके बावजूद विडम्बना ही है कि लखनऊ विश्वविद्यालय अभी तक कभी देश के टॉप विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में कभी शामिल नहीं हुआ। यह पहला मौका है जब लखनऊ विश्वविद्यालय को केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में जगह मिली है। हालांकि अभी विवि के हिस्से कोई रैंक नहीं आई है और इसे 150 से 200 के रैंकबैंड में रखा गया है लेकिन गर्व करने की बात यह जरूर है कि लखनऊ विश्वविद्यालय इस सूची में आने वाला उत्तर प्रदेश का एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय है।
लखनऊ विवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय इस बारे में कहते हैं कि यह भी उपलब्धि कम नहीं है कि हम पहली बार इस सूची में जगह बना पाए। हालांकि इस बार रैंकिंग के लिए बहुत ज्यादा सूचनाएं जमा नहीं हो पाई थीं जिसके चलते हम काफी पीछे रह गए। अगली बार टॉप 100 के अंदर आने के पूरे प्रयास होंगे और इसके लिए हमारे पास अभी से कई सूचनाएं, रिसर्च आदि के डाटा आ गए हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि अगली बार हम बहुत अच्छी रैंक पर होंगे। हमारे पास संसाधन पर्याप्त हैं लगातार यहां बहुत अच्छा काम भी हो रहा है और यह सबकुछ अगली एनआईआरएफ रैंकिंग में दिखेगा।
बीबीएयू ने भी टॉप 100 में जगह बनाई
विश्वविद्यालयों की सूची में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (केन्द्रीय) ने 65वां पायदान हासिल किया है। पिछली बार यह विश्वविद्यालय 101 से 150 के रैंकबैंड में शामिल था। केवल एक वर्ष में देश के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में शामिल होकर बीबीएयू ने बड़ी उपलब्धि अपने खाते में दर्ज की। 65वीं रैंक आने पर विवि के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा है कि यह पूरे विवि परिवार के अथक प्रयासों का नतीजा है। आगे भी कठिन परिश्रम के साथ हम आगे बढ़ेंगे और बीबीएयू को टॉप टेन में शामिल करने का पूरा प्रयास करेंगे।
केजीएमयू को नवां स्थान, ओवरऑल रैंकिंग में फिसला
मेडिकल संस्थानों की सूची में केजीएमयू को 10वीं रैंक मिली थी, इस साल इसमें एक पायदान की बढ़त रही और 9वीं रैंक हासिल हुई। हालांकि विश्वविद्यालयों की सूची में केजीएमयू आठ पायदान फिसलकर 39वें स्थान पर पहुंच गया है जबकि पिछली बार 31वें स्थान पर था। केजीएमयू के कुलपति प्रो. बिपिन पुरी कहते हैं कि मेडिकल संस्थानों में हमारी नौवी रैंक आई है,
, इसमें और सुधार होगा। बीते चार से छह माह में काफी मेहनत की गई है। आईसीयू बेड बढ़े हैं। ऑनलाइन सिस्टम को बेहतर किया गया है। कोरोना काल में भी 1000 से ज्यादा शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं। टेली मेडिसिन ई-संजीवनी के माध्यम से देश में सबसे ज्यादा मरीजों को इलाज मुहैया कराया। अगले साल हम टॉप 5 में पहुंचें, इस दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं।
इन मानकों पर तय होती है रैंकिंग-
टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज- 100 अंक
रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस- 100 अंक
ग्रेजुएशन आउटकम्स- 100 अंक
आउटरीज एंड इन्क्लूसिविटी- 100 अंक
परसेप्शन-100 अंक