वाराणसी के प्राथमिक स्कूल जुगाड़ के शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं। 101 बेसिक स्कूलों में 32 ऐसे हैं, जहां एक शिक्षक है और छह ऐसे भी हैं जहां केवल शिक्षामित्र ही कमान संभाले हुए हैं। अब जबकि जिले में 65 गांव नगर निगम में शामिल हो चुके हैं, ऐसे में शहरी स्कूलों की संख्या 166 हो जाएगी। इसके पीछे कहीं न कहीं बेसिक शिक्षा विभाग की अनदेखी को मुख्य वजह माना जा रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित जिले में कुल 1144 परिषदीय विद्यालय हैं। साल भर में करोड़ों खर्च करने के बाद भी स्थिति बदतर है। विभिन्न जोन की बात करें तो पांच जोन में 32 स्कूल एकल विद्यालय की श्रेणी में है। वरुणा पार जोन में संख्या 10 है, जिसमें एक शिक्षक के सहारे शिक्षण कार्य हो रहा है। कंपोजिट विद्यालय शिवपुर में 300 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई करते हैं, लेकिन एक शिक्षक तैनात है। वहीं, दशाश्वमेध जोन में नौ एकल विद्यालय हैं। इसी तरह आदमपुर जोन में पांच एकल विद्यालयों में 583 बच्चे पढ़ाई करते हैं।
नई भर्ती व स्थानांतरण के बाद भी नहीं बदली सूरत
जिले में नई नियुक्ति के तहत 22 व अंतर जनपदीय स्थानांतरण के तहत 94 शिक्षक जिले में आ चुके हैं। अभी भी जिले की सूरत नहीं बदल सकी है। कारण यह है कि अभी तक 22 शिक्षकों को विद्यालय आवंटित नहीं हुए हैं। वहीं, अंतर जनपदीय के तहत आए 47 शिक्षकों को भी विद्यालय आवंटित नहीं हुए हैं, लेकिन उन्हें वेतन दिए जा रहे हैं।
दो शिक्षामित्रों के सहारे 123 नौनिहाल
शहर में बेसिक स्कूलों को पांच जोन में बांटा गया है। वरुणापार जोन के चार विद्यालय शिक्षा मित्रों के भरोसे पर चल रहे हैं। यहीं के प्राथमिक विद्यालय घौसाबाद प्रथम में 123 बच्चे नामांकित हैं और केवल दो शिक्षा मित्र पढ़ा रहे हैं। कोरोना काल के पहले तक इन शिक्षामित्रों को बच्चों के पढ़ाने के साथ मध्याह्न भोजन के लिए सब्जियां तक खुद ही खरीदना पड़ता था। एक शिक्षा मित्र कक्षा एक, दो व तीन के बच्चों को पढ़ाती है तो वहीं दूसरी चार व पांच को एक साथ पढ़ाती है। बच्चों को भी समझने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
उदासीनता से प्रभावित हो रही पढ़ाई
आदमपुर जोन में प्राथमिक विद्यालय छित्तनपुरा में एक शिक्षामित्र के सहारे 82 नौनिहाल पढ़ाई कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के किसी स्कूल में 10-17 शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या को लेकर उदासीनता से पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। आदमपुर जोन की तरह दशाश्वमेध जोन के प्राथमिक विद्यालय में भी यही स्थिति है।
बीएसए राकेश सिंह बताया कि शहरी क्षेत्र में शिक्षकों की कमी पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही शासन से निर्देश मिलते ही शिक्षकों की कमी पूरी कर ली जाएगी।