लखनऊ: यूपी की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के लिए अच्छी खबर। उनका मानदेय एक बार फिर बढ़ने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पोषण अभियान के तहत मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में यह ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक महीने पहले मैंने कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के बकाए का भुगतान किया जाए। विभाग ने जो कार्रवाई की, उसे लोगों ने बढ़ा हुआ मानदेय समझा। ये तो पिछला वाला था। अभी सरकार उनको और भी देने जा रही है। 1.23 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन और 1.83 लाख इन्फेन्टोमीटर वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि स्मार्ट फोन से ये कार्यकत्रियां स्मार्ट बनेंगी। इससे शिशु-मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। योगी ने कहा कि चार साल पहले यही कार्यकत्रियां धरना-प्रदर्शन के लिए बदनाम थीं लेकिन मैं आंगनबाड़ी वर्कर, आशा, एएनएम की ताकत को जानता था। हमने इस ताकत को कोरोना के दौरान आजमाया और उत्तर प्रदेश का मॉडल पूरे विश्व में सराहा गया।
आंगनबाड़ी वर्कर के जरिये जीती कोरोना की जंग :
योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना के समय यूपी पर पूरा फोकस था। तब हमने हर मोहल्ले के लिए निगरानी समिति बनाई कि इसमें आंगनबाड़ी वर्करों ने घर-घर जाकर पहचान की। संदिग्धों की जांच करवाई, मेडिसिन किट दी। निगरानी समिति की रिपोर्ट से हमने मॉनिटरिंग की। आंगनबाड़ी वर्करों के काम के चलते ही यूपी ने कोरोना को मात दी।
मुख्यमंत्री ने लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्नाव की 20 कार्यकर्त्रियों को स्मार्टफोन दिया और लखनऊ की 10 कार्यकत्रियों को वृद्धि निगरानी यंत्र (ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस) दिया। कार्यक्रम में बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री स्वाति सिंह, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार, अपर मुख्य सचिव एस राधा चौहान, प्रमुख सचिव वी हेकाली झिमोमी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
परफार्मेंस लिंक बोनस देने की हुई थी घोषणा
मुख्यमंत्री ने बीते दिनों कार्यकत्रियों के बकाए की भुगतान के आदेश दिए थे। जिसके बाद विभाग ने वर्ष 2019 में जारी आदेश को लागू करते हुए प्रोत्साहन राशि दिए जाने के मानक तय कर दिए। इसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मानदेय के अतिरिक्त हर माह 1500 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 1250 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 750 रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए विभिन्न मानक तय किए गए हैं।
आबकारी में हावी था गिरोह
मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए कहा कि वर्ष 2017 में लोग कहते थे कि एक्साइज के क्षेत्र में जो गिरोह हावी है उसे तोड़ पाएंगे। हमने नीतियां ऐसी बनाई कि वे खुद बाहर हो गए। पुष्टाहार में भी ऐसा ही था। इसमें सरकार व आंगनबाड़ी व इससे जुड़े लोग बदनाम होते थे। हमने पंजीरी निर्माण की व्यवस्था जिलों में की है। इसका असर चार-पांच साल बाद दिखेगा। इससे कुपोषण दूर होगा। लोग बीमार कम पड़ेंगे, दवाई की बचत होगी। उन्होंने तकनीक को एक मजबूत हथियार बताते हुए कहा कि तकनीक को उस आखिरी पायदान तक जाना चाहिए जहां योजनाएं जमीन पर उतारी जाती हैं। इससे पोषण की ट्रैकिंग व डाटा के लिए अलग से भागदौड़ की जरूरत नहीं होगी।