चालू शैक्षिक सत्र में प्रदेश के लाखों गरीब व जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली छात्रवृत्ति और फीस भरपाई पर संकट गहरा गया है। अब भी राज्य के हर जिले में सैकड़ों ऐसी शिक्षण संस्थाएं जिनकी मान्यता व सम्बद्धता के नवीनीकरण नहीं हो पाए हैं।
तमाम पालीटेक्निक, आईटीआई व ऐसी ही अन्य शैक्षिक संस्थाएं हैं जहां दाखिले की प्रक्रिया आज तक जारी है। ऐसे में यह शिक्षण संस्थाएं समाज कल्याण निदेशालय के पोर्टल पर अपना मास्टर डेटा डालने से वंचित रह गये हैं और समय सीमा बीत चुकी है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि कोई भी पात्र छात्र या छात्रा छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा से वंचित न रहने पाए।
छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की समाज कल्याण विभाग की योजना के नियमों के तहत यह सुविधा प्राप्त करने के लिए हर शिक्षण संस्था को छात्र-छात्रा से आवेदन करने से पहले खुद अपने संस्थान की जानकारी से सम्बंधित आंकड़े जैसे-मान्यता या सम्बद्धता कहां से है, नवीनीकरण हुआ या नहीं, कौन-कौन से पाठ्यक्रम, कितनी कक्षा तक पढ़ाई, कुल स्वीकृत सीटें, पिछला रिजल्ट आदि का पूरा डेटा समाज कल्याण के पोर्टल पर लॉक करना होता है।
पहले 15 जुलाई से 10 अगस्त तक यह मास्टर डेटा लॉक करने की समय सीमा तय की गयी थी। उसके बाद इसे आठ दिन और बढ़ाया गया। यानि कुल एक महीना चार दिन की समय सीमा दी गयी। इस समय सीमा में भी तमाम शिक्षण संस्थान अपना मास्टर डेटा लॉक नहीं करवा पाए,ऐसे में इनके यहां पढ़ाई कर रहे गरीब जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को इस बार छात्रवृत्ति और फीस भरपाई के लिए आवेदन करवाने में ही बाधा खड़ी हो गयी है।
इन शिक्षण संस्थानों जिनमें तमाम सरकारी कालेज, पालीटेक्निक, आईटीआई आदि शामिल के प्रबंधन की ओर से समाज कल्याण निदेशक से मास्टर डेटा लॉक करने के लिए एक बार फिर पोर्टल का खुलवाने का अनुरोध किया गया है। निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार इस बारे में शासन को पत्र भेजकर अनुमति मांगी गयी है।
मौजूदा शैक्षिक सत्र में समाज कल्याण से छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के लक्ष्य
-एस.सी. प्री मैट्रिक कक्षा 9 व 10 – 5 लाख 45 हजार छात्र-छात्राओं को
-एस.सी.पोस्ट मैट्रिक कक्षा ग्यारह-बारह, स्नातक, स्नातकोत्तर, प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के 13 लाख 60 हजार छात्र-छात्राओं को
-कुल बजट दो हजार करोड़ रूपये
सामान्य प्री मैट्रिक 1 लाख 20 हजार छात्र-छात्राओं को
-कुल बजट 25 करोड़
-सामान्य पोस्ट मैट्रिक 6 लाख छात्र-छात्राओं को
कुल बजट 400 करोड़ (बजट बढ़वाने के प्रयास हो रहे)