यूपी की प्राइमरी स्कूलों की नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निर्देश पर राजस्व परिषद मुकुल सिंह की अगुवाई मेंबनी 3 सदस्य कमेटी15 दिन रिक्त पदों व विद्यालयोंके पद निर्धारण प्रक्रिया को संभाल रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे प्रतियोगियों के लिए अच्छी खबर है। परिषदीय विद्यालयों में नई शिक्षक भर्ती की मांग लंबे समय से कर रहे अभ्यर्थियों की मुराद जल्द पूरी हो सकती है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की नई शिक्षक भर्ती का ऐलान इसी माहीने होने की संभावना हैं। भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 (यूपीटीईटी) करने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि भर्ती की तैयारियों के तहत यूपीटीईटी नवंबर में कराई जा सकती है। शासन ने परीक्षा संस्था से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा है। इसके बाद दिसंबर में शिक्षक भर्ती परीक्षा कराई जा सकती है।
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों की नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजस्व परिषद अध्यक्ष मुकुल सिंघल की अगुवाई में बनी तीन सदस्यीय कमेटी 15 दिन से रिक्त पदों व विद्यालयों के पद निर्धारण प्रक्रिया को खंगाल रही है। नई भर्ती पदों के हिसाब से सबसे बड़ी हो सकती है, स्कूलों में शिक्षकों के करीब 70 हजार से अधिक पद खाली हैं। कमेटी की रिपोर्ट सौंपने के बाद ऐलान किए जाने की तैयारी है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने 69000 शिक्षक भर्ती के दौरान शीर्ष कोर्ट में हलफनामा दिया था कि विभाग में 51,112 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। पिछले वर्षों में हुई शिक्षक भर्ती के खाली पदों को नई शिक्षक भर्ती में जोड़ा जा सकता है। 68500 भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है इसलिए रिक्त पदों को लेकर माथापच्ची की जा रही है। वहीं, 69000 शिक्षक भर्ती के सारे पद तीन चरण की काउंसिलिंग के बाद भी भरे नहीं जा सके हैं। हाल के वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले और कोरोना काल में कालकवलित हुए शिक्षकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। संकेत हैं कि कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपेगी, क्योंकि विलंब होने पर भर्ती विधानसभा चुनाव से पहले पूरी हो पाना मुश्किल होगा।
2018 व 2019 में कराया गया पद निर्धारण :
उत्तर प्रदेश में निश्शुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 लागू है। उसी की सिफारिशों के अनुरूप 2018 में शिक्षकों का पद निर्धारण करते हुए स्कूलों में बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापक पद का अनुमोदन नहीं हुआ लेकिन, सरकार ने इन पदों को खत्म नहीं किया है। स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात दुरुस्त करने के लिए 2019 में भी पद निर्धारण प्रक्रिया चली।