अलीगढ़ : शासन की ओर से शिक्षामित्रों का मानदेय 500 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक बढ़ाने की बात कही गई है। मगर शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारी सरकार के इस फैसले को लालीपाप करार दे रहे हैं। इनका कहना है कि शिक्षामित्रों को एक हजार रुपये का लालीपाप नहीं चाहिए, स्थायी शिक्षक का पद चाहिए। चेतावनी भी दी है कि ऐसा नहीं किया गया तो इसका जवाब दिया जाएगा। सभी शिक्षामित्र एकजुट हैं।
शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों को 500 या एक हजार रुपये बढ़ा मानदेय नहीं चाहिए। लंबे समय से शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने की मांग की जा रही है। इसको न मानकर सरकार शिक्षामित्रों को लालीपाप दिखा रही है। बताया कि जिले में करीब 2560 शिक्षामित्र सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पिछले कई दिनों से मांग पूरी न होने के विरोध में कालीपट्टी बांधकर शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। चेतावनी दी कि अगर शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने की मांग न पूरी की गई तो शिक्षामित्र आंदोलन को बाध्य होंगे। बताया कि पहले शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 रुपये था, जिसको बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया। अभी पिछले चार सालों से मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
अब जब शिक्षामित्रों को स्थायी करने की मांग उठाई तो मानदेय बढ़ाने की बात की जा रही है। यह शिक्षामित्रों के साथ सरासर सरकार का धोखा है। चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने शिक्षामित्रों को नियमित नहीं किया तो अगले साल चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा। अब तक बहुत उत्पीड़न सहन कर लिया है। अब नहीं सहन नहीं किया जाएगा। सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिससे शिक्षामित्र स्थायी शिक्षक बन सकें। ऐसा करने पर शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने से कानूनी बाधा आड़े नहीं आएगी और कोई अदालत का दरवाजा भी खटखटा पाएगा।