वैशपुर। स्कूल के जर्जर भवन की छत का प्लास्टर अचानक भरभराकर गिर पड़ा। इसकी चपेट में आने से शिक्षामित्र घायल हो गई। आननफानन में बच्चों को कमरे से बाहर निकाला गया। इससे स्कूल में अफरातफरी बच गई।
जर्जर भवन में बच्चों को बैठाकर उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। छह माह पहले बेसिक विभाग ने जर्जर स्कूलों की सूची मांगी और ऐसे भवन में बच्चों को न बैठाए जाने की हिदायत भी दी थी। शनिवार को मानधाता ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय नौवापुर में बच्चों को शिक्षामित्र पढ़ा रही थी। कक्षा एक और दो के करीब 16 बच्चों को एक ही कमरे में बैठाया था। बताया जाता है कि इस दौरान अचानक कमरे की छत का प्लास्टर भरभराकर गिर पड़ा। जिसकी चपेट में आकर शिक्षामित्र सुनीता यादव घायल हो गईं। प्लास्टर का एक हिस्सा उनके हाथ पर गिरा जिससे उन्हें चोट आई। छत गिरती देख शिक्षामित्र और बच्चे घबरा गए। गनीमत रही सभी बच्चों को किसी तरह बाहर निकाला गया। प्रधानाध्यापिका नीम ओझा अवकाश पर थीं। शिक्षामित्र ने मामले की सूचना तत्काल प्रधानाध्यापिका और खंड शिक्षा अधिकारी को दी।
मानधाता के बीईओ आशीष कुमार पांडेय ने बताया कि ब्लॉक के 44 विद्यालयों के भवन जर्जर हो चुके हैं। तीन की मरम्मत करा दी गई है जबकि 41 स्कूलों के भवन की टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। मुश्किल यह है कि कोई भी व्यक्ति टेंडर लेने को तैयार नहीं है। प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि वे जर्जर भवन में बच्चों को न बैठाएं और खुद भी न जाएं। नौवापुर स्कूल में शिक्षकों ने जर्जर भवन में बच्चों को क्यों बैठाया है इसके बारे में प्रधानाध्यापक से जानकारी की जाएगी।