बैरिया/लालगंज। पिछले करीब चार वर्षों से सम्मानजनक पगार के लिए अनुनय-विनय कर रहे शिक्षा मित्रों ने अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है। प्रशिक्षित वेतनमान देने, 12 माह तक काम व 62 साल की सेवा के लिए नियमावली बनाने की मांग को लेकर शिक्षामित्रों ने रविवार को बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह के चांदपुर गांव स्थित आवास का घेराव किया। एक दिन का उपवास भी रखा। साथ ही अपनी मांगों से सम्बंधित मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन विधायक को दिया।
शिक्षामित्र संघ के जिला प्रभारी पंकज सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने करीब चार साल पहले शिक्षामित्रों की आशाओं को मामूली बल देते हुए मानदेय में बढ़ोत्तरी की थी। आज के आर्थिक युग 10 हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। इतने कम पगार में परिवार का भोजन, बच्चों की पढ़ाई, माता-पिता के इलाज आदि का खर्च उठाना असंभव हो गया है। हालात यह है कि आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शिक्षामित्र कर्ज में डूबते जा रहे हैं। आर्थिक तंगी व भविष्य की चिंता के कारण उत्पन्न तनाव ने पिछले करीब चार सालों में हजारों शिक्षामित्रों की जान ले ली है। कहा कि 21 साल की सेवा के बावजूद शिक्षामित्रों को प्रदेश सरकार सफाईकर्मी व होमगार्ड के जवान से भी नीचे मान रही है। जबकि साथ ही काम कर रहे शिक्षकों को उसी काम के लिए 50 हजार से एक लाख तक वेतन दिए जा रहे हैं। शिक्षामित्रों ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए प्रशिक्षित वेतनमान देने और 12 माह व 62 साल की नियमावली बनाने की मांग की।
इस दौरान श्यामनंदन मिश्र, राकेश पांडे, अमित मिश्र, अमृत सिंह, निर्भय कुशवाहा, धर्मनाथ सिंह, दिलीप प्रसाद, मनीष सिंह, शिवकुमार सिंह, मंजूर हुसैन, संजीव सिंह, दीप नारायण मिश्र, माधव यादव, अवधेश भारती, अक्षय लाल, विनोद कुमार, प्रदीप कुमार, संतोष यादव, वृज विहारी, राजदेव यादव, हंस नाथ गिरी, जितेंद्र ओझा, परमात्मा, नथुनी राम, सुरेन्द्र नाथ, विनोद चौबे, सोहन पाण्डेय, राम रत्न, सनोज कुमार, रंजीत मौर्या, रमेश चौबे, संतोष, हरिनाथ प्रसाद, अमरजीत सिंह, गुप्तेश्वर सिंह, चन्द्रशेखर सिंह आदि थे।