प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रबंध समिति द्वारा खाली पद पर नियुक्त अध्यापक को बोर्ड की नियमित भर्ती में वरीयता देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि इंटरमीडिएट एक्ट ने प्रबंध सुमित को केवल शिक्षा सत्र के लिए नियुक्त का अधिकार है। वह पिछली रिक्तियों पर नियुक्त नहीं कर सकता, जो बोर्ड को अधिसूचित की जा चुकी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने आशुतोष कुमार मिश्र व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने प्रतिवाद किया
याची का कहना था कि वह 2018 से कार्यरत हैं। वेतन नहीं दिया गया तो याचिका दायर की। कोर्टने बलिया के डीआईओएस को निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इसी बीच बोर्ड ने भर्ती निकाली। याची गिरनी भी आवेदन किया है। याचिका दायर कर इस भर्ती में अध्यापन अनुभव के आधार पर व रीता देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने बरी थे देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।