उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-2016 सामाजिक विज्ञान और कला का परिणाम संशोधित होगा। इसकी वजह यह है कि तमाम अभ्यर्थियों ने आवेदन में उपाधि धारक होने का दावा किया था। लेकिन अब चयन बोर्ड को पत्र लिखकर पीएचडी डिग्री के उपलब्ध न होने की बात कर रहे हैं। साथ ही उसका अधिभार न देने की बात कही है। ऐसे में परिणाम में संशोधन होगा और मेरिट भी बदल जाएगी। इसके चलते ही चयन बोर्ड परिणाम जारी होने के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटन नहीं कर रहा था। अभ्यर्थी लंबे समय से विद्यालय आवंटन की मांग कर रहे
चयन बोर्ड ने टीजीटी-2016 सामाजिक विज्ञान और कला का परिणाम जुलाई 2021 में घोषित किया था। परिणाम जारी होने के बाद भी चयन बोर्ड की ओर से चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटित नहीं किया जा रहा था। अभ्यर्थी लगातार चयन बोर्ड कार्यालय प्रदर्शन कर विद्यालय आवंटन की मांग कर रहे थे। ऐसे में अब यह बात सामने आई है कि आवेदन पत्र में तमाम अभ्यर्थियों ने पीएचडी उपाधि धारक होने का दावा किया था। पीएचडी उपाधि धारको को भारांक भी दिया जाता है।
परिणाम जारी होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने चयन बोर्ड को पत्र लिखकर पीएचडी डिग्री उपलब्ध न होने की बात लिखी है और मांग किया है उनको परिणाम में दिया गया पीएचडी भारांक न दिया जाए। ऐसे में चयन बोर्ड को परिणाम संशोधित करना पड़ेगा। परिणाम संशोधित होने पर मेरिट भी प्रभावित होगी। संशोधित परिणाम जारी करने में चयन बोर्ड को समय लगेगा। ऐसे में अब इनका संशोधित परिणाम 31 अक्तूबर के बाद ही जारी होने की संभावना है।