इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (UPHESC) में 10 साल से संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर को ठेकेदार की आउटसोर्सिंग सेवा ज्वाइन करने को बाध्य करने के आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार व आयोग से दो सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि याची को कम्प्यूटर ऑपरेटर पद का कार्य करने दिया जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने महबूब अली की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता तनीषा जे मुनीर ने बहस की। एडवोकेट तनीषा ने कोर्ट को बताया कि याची की नियुक्ति 2011 में संविदा पर की गई। उसकी सेवा से कोई शिकायत नहीं है।
आयोग ने दो सितंबर 2021 के आदेश से उसे ठेकेदार की सेवा में आउटसोर्सिंग से कार्य करने का निर्देश दिया है। यह आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है। याची सेवा नियमितीकरण की मांग कर सकता है। इससे बचने के लिए उसे संविदा से हटाकर आउटसोर्सिंग के लिए जबरन बाध्य किया जा रहा है।