उत्तर प्रदेश में सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में उत्तर मध्यमा स्तर पर व्याकरण और साहित्य के संविदा शिक्षकों की भर्ती में बीएड की अनिवार्यता नहीं है। हाईकोर्ट के आदेश पर अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने शासनादेश में संशोधन जारी किया है। प्रदेश के 567 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में 1119 रिक्त पदों पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश अपर निदेशक माध्यमिक आराधना शुक्ला ने 24 जुलाई को जारी किया था। इसमें उत्तर मध्यमा स्तर पर व्याकरण व साहित्य अध्यापकों की नियुक्ति के लिए बीएड की अनिवार्यता रखी गई थी। जबकि 2009 की नियमावली में ऐसा प्रावधान नहीं था। इसके खिलाफ सुभाष तिवारी व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी।
कोर्ट ने 7 सितंबर को नियमावली के अनुरूप संशोधन के आदेश दिए थे। जिसके क्रम में एडी डॉ. महेन्द्र देव ने 8 सितंबर को शुद्धपत्र जारी किया है।
एडेड कॉलेजों में भी है यही व्यवस्था
यह नियम सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की तरह है। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में भी प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) के लिए बीएड अनिवार्य है। जबकि प्रवक्ता पद पर नियुक्ति के लिए बीएड की अनिवार्यता नहीं है।