प्रयागराज: ऐसे समय में जब प्रशासनिक मशीनरी पॉलीथिन रोकने में फेल है, एक स्कूल ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। समुदाय व बच्चों के साथ मिलकर बहरिया का उच्च प्राथमिक विद्यालय हेतापट्टी पॉलीथिन का उपयोग रोकने को दो साल से गतिविधियां चला रहा है।
स्कूल के बच्चों व उनके अभिभावकों को अनिवार्य रूप से ये शपथ लेनी होती है कि वे पॉलीथिन का प्रयोग कम से कम या नहीं करेंगे। विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक तथा अन्य बैठकों में अभिभावकों व आगंतुकों को भी यह शपथ दिलाई जाती है। इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए समय-समय पर बच्चों के बीच पेंटिंग प्रतियोगिता तथा रोलप्ले भी कराया जाता है।
बच्चों से इस विषय में बात की गई तो उन्होंने स्वयं बताया कि उनके जानवर पॉलीथिन खाकर मर जाते हैं। स्कूल के वार्षिकोत्सव एवं अन्य कार्यक्रमों में खाने-पीने के लिए कागज की प्लेट और गिलास का ही उपयोग होता है।
प्रभारी प्रधानाध्यापिका श्वेता सिंह बताती हैं कि उन्होंने बच्चों से बातचीत के आधार पर एक छोटी कहानी तैयार की और उसे कॉमिक्स के रूप में बच्चों को पढ़ने को दिया। वसुधा लायंस क्लब से स्कूल को मिली सिलाई मशीन से झोले बनवाकर गांव में कुछ दुकानदारों को बांटकर प्रेरित किया कि सामान पॉलीथिन में न दिया करें।
नुकसान भी समझाया
पॉलीथिन कितनी खतरनाक है, यह दिखाने के लिए बच्चों से दो गड्ढे खोदकर एक में पॉलीथिन और दूसरे में सब्जियों के छिलके, पत्तियां आदि डालकर ढकने को कहा गया है। एक महीने बाद गड्ढे खोदकर देखेंगे कि क्या होता है