प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास लखनऊ को 2016की ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में 26जून 2020 को आयोग द्वारा जारी पूरक चयन सूची के अभ्यíथयों को चार हफ्ते में नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सरकार के इस तर्क को मानने से इन्कार कर दिया कि आयोग को एक बार परिणाम घोषित करने के बाद पूरक परिणाम घोषित करने का विधिक अधिकार नहीं है। यह आदेश न्यायमूíत सुनीत कुमार ने राबिन कुमार सिंह,आदर्श कुमार पाण्डेय की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता के एस कुशवाहा व एम ए सिद्दीकी ने बहस की।
कोर्ट ने कहा कि उ प्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 3133 विज्ञापित पदों में 2947 का परिणाम घोषित किया और सत्यापन आदि लंबित होने के कारण 116 पदों का परिणाम रोक लिए। बाद में इन्हीं पदों का परिणाम क्लीयर किया गया। 26 जून की 18 अभ्यíथयों की सूची बचे पदों की है। मालूम हो कि आयोग ने 2013 में ग्राम विकास अधिकारी भर्ती निकाली। लिखित परीक्षा,व साक्षात्कार के बाद 18 जुलाई 2018को 2947 पदों का परिणाम घोषित किया गया।
दस्तावेज सत्यापन आदि लंबित होने के कारण 116 पद के परिणाम रोक लिए गए। कोर्ट ने आयोग को विचार करने का निर्देश दिया। इसके बाद 23जून 2020 को 98 और 26जून 2020 को 18 पदों के परिणाम घोषित किये गए। संयुक्त सचिव ग्रामीण विकास ने आपत्ति की कि 2947 पदों के परिणाम घोषित होने के साथ ही चयन प्रक्रिया पूरी हो गई है, इसके बाद आयोग को पूरक चयन सूची जारी करने का विधिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कुल विज्ञापित पद 3133 थे। घोषित 2947+116+70 एक्स सíवस में कोटा ही चयनित किया गया है। विज्ञापित पदों का ही चयन किया गया है। सरकार को एक ही चयन के अभ्यíथयों में भेद करने का अधिकार नहीं है।