पीडीडीयू नगर। दीक्षा एप के माध्यम से बच्चों को शिक्षा की मुहिम से जोड़े जाने की कवायद की जा रही है। इसके तहत नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की ओर से जारी एप्लीकेशन के माध्यम से जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थी घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं। वर्तमान में जिले में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुहिम से जोड़ा जा रहा है। एप पर कक्षावार व विषयवार कंटेंट उपलब्ध हैं जिसे शिक्षक व छात्र अपने क्षमता संवर्धन के लिए देख सकते हैं।
दीक्षा एप में बेसिक शिक्षा के पाठ्यक्रमों से वीडियो अपलोड रहेंगे जिससे कक्षावार बच्चे पढाई कर सकेंगे। जिले के 1185 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों के करीब दो लाख छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ मिल रहा है। बीएसए की निगरानी में मुहिम चलाई जा रही है। माध्यमिक स्कूलों में भी योजना लागू करने की तैयारी पर भी कार्य चल रहा है। इसके लिए अभिभावकों को दीक्षा एप से जोड़ा जाएगा।
अभी परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को छात्रों-अभिभावकों को दीक्षा एप डाउनलोड करवाने और उसका प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने का लक्ष्य सौंपा गया है। इस कार्य के लिए उन्हें वार्षिक प्रायोगिक परीक्षाओं में कुछ अंक भी दिए जाएंगे। ई-पाठशाला की उत्कृष्ट शैक्षिक सामग्री को व्हाट्सएप के माध्यम से सभी जिला व ब्लॉक के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा जा रहा है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा अपने स्कूलों के छात्रों व उनके अभिभावकों को जोड़े गए व्हाट्सएप में प्रसारित करते हुए दैनिक रूप से कक्षावार व विषयवार सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रचार-प्रसार की है आवश्यकता
दीक्षा पोर्टल के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने के लिए बढ़े स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। अभी तक कुछ हजार छात्रों व अभिभावकों द्वारा ही दीक्षा एप का प्रयोग करते हुए सामग्री का उपभोग किया जा रहा है। इस कारण दीक्षा ऐप की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने की जरूरत है।
मिलेगा प्रायोगिक अंक
परिषदीय स्कूलों के बच्चों और अभिभावकों को दीक्षा एप डाउनलोड कराने पर शिक्षकों को प्रायोगिक अंक भी मिलेंगे। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को उनकी वार्षिक प्रयोगात्मक परीक्षाओं में भी कुछ अंक इस कार्य के लिए निर्धारित किए जाएंगे।
क्यूआर कोड स्कैन करते ही एप से जुड़ जाएंगे
दीक्षा एप पर पांच हजार से अधिक वीडियो अपलोड हैं। इन्हें शिक्षक व छात्र देख सकते हैं। सभी परिषदीय शिक्षक, अनुदेशक व शिक्षामित्र के मानव संपदा पोर्टल को दीक्षा एप से मर्ज कर दिया गया है ताकि उनके द्वारा ली जा रही ऑनलाइन ट्रेनिंग दीक्षा पोर्टल पर दिख सके। वहीं सभी पाठ्य पुस्तकों पर छपी क्यूआर कोड को स्कैन कर भी सीधे दीक्षा एप पर कंटेंट से जुड़ा जा सकता है।
बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा के स्कूलों में चल रही ऑनलाइन पढ़ाई का प्रसार तेजी से नहीं हो सका था। अब शिक्षकों के माध्यम से अभिभावकों को दीक्षा एप से जोड़े जाने की मुहिम से पढ़ाई को रफ्तार मिलेगी। एक मोबाइल से तीन से पांच बच्चों को जोड़ा जा सकेगा