इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16448 सहायक अध्यापक भर्ती में अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति न देकर कम मेरिट वालों का चयन करने के मामले में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को तलब कर लिया है। कोर्ट ने सचिव से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है कि इस प्रकार की गड़बड़ी कैसे हो रही है। सिद्धार्थनगर के अजय यादव और 13 अन्य की याचिकाओं पर कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ सुनवाई कर रही है।
याचीगण के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का कहना था कि याचीगण ने 2016 की 16448 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन किया था। काउंसलिंग में उनका चयन नहीं हो सका। मगर चयनित अभ्यर्थियों में से 47 ऐसे थे जिनके दस्तावेज फर्जी पाए गए।
बाद में उनको चयन से बाहर कर दिया गया। याचीगण ने 47 अभ्यर्थियों को निकाले जाने से रिक्त हुए पदों पर नियुक्ति देने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने ऐसी कई याचिकाओं पर परिषद को याचीगण की नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया। मगर परिषद ने याचीगण से कम मेरिट वालों को तो नियुक्ति दे दी जबकि याचीगण का प्रत्यावेदन रद्द कर दिया।
इसके खिलाफ याचिका एकल न्यायपीठ ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि कोई प्रतीक्षा सूची न बनने के कारण याचीगण का कोई दावा नहीं बनता है। इस आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी गई। कहा गया कि ओबीसी कटेगरी में उनका अंक अधिक होने के बावजूद चयन नहीं हुआ जबकि उनसे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी को चयनित कर लिया गया। कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को इस मामले पर स्पष्टीकरण देने के लिए तलब कर लिया है।