मैनपुरी। एसआईटी सूची में शामिल फर्जी बीएड अंकपत्र वाले 44 शिक्षक शिक्षिकाओं में से 39 का बर्खास्तगी आदेश शासन के निर्देश के बाद स्थगित कर दिया गया है। बृहस्पतिवार से ये शिक्षक फिर से स्कूल में पहुंचेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने 30 नवंबर 2019 का आदेश स्थगित करने के निर्देश बीएसए को दिए हैं। बीएसए ने बुधवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के निर्देश के बाद बर्खास्तगी आदेश स्थगित कर दिया।
डॉ. बीआर आंबेडकर विवि के नाम से फर्जी बीएड डिग्री और अंकपत्र जारी करने की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी की जांच में जिले में 77 शिक्षकों की बीएड डिग्री अवैध पाई गई थी। इसमें 44 शिक्षकों की बीएड डिग्री फर्जी घोषित की गई, जबकि 33 शिक्षकों की बीएड की डिग्री टेंपर्ड घोषित की गई थी। एसआईटी की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट के आदेशानुसार 30 नंवबर 2019 को जिले में तैनात 77 शिक्षक-शिक्षिकाओं की सेवा समाप्त कर दी गई थी।कोर्ट के आदेश पर आंबेडकर विवि द्वारा डिग्री निरस्त करने तक बिना वेतन के ही काम करने के निर्देश दिए थे।
कोर्ट के आदेश पर फर्जी डिग्री धारक 44 शिक्षकों को तत्कालीन बीएसए विजय प्रताप सिंह ने 26 फरवरी 2021 को बर्खास्त कर दिया था। वहीं 33 टेंपर्ड शिक्षकों को जांच पूरी होने तक बिना वेतन के ही कार्य करने के निर्देश दिए थे। 39 फर्जी बीएड डिग्री धारक शिक्षक सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी होने तक उन्हें सेवा में रखने और वेतन देने के निर्देश एक जुलाई 2021 को जारी किए थे। मंगलवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फर्जी डिग्री धारक 39 शिक्षकों का बर्खास्तगी आदेश स्थगित कर उन्हें एक जुलाई 2021 से वेतन देने के निर्देश जारी किए। बीएसए कमल सिंह का कहना है कि 39 शिक्षकों का बर्खास्तगी आदेश स्थगित कर दिया है। शासनादेश के तहत उन्हें वेतन भी जारी किया जाएगा।