लखनऊ: उत्तर प्रदेश को नए मेडिकल कालेजों की सौगात मिलने का रास्ता कुछ हद तक साफ हो गया है। राज्य में नए स्थापित किए गए नौ मेडिकल कालेजों में से सात मेडिकल कालेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने मान्यता दे दी है। इसमें देवरिया, एटा, गाजीपुर, हरदोई, मीरजापुर, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थ नगर में नए खोले गए मेडिकल कालेज शामिल हैं।
एनएमसी ने तय मानकों पर खरा उतरने के बाद इन सातों मेडिकल कालेजों को शुरू करने को हरी झंडी दे दी गई। वहीं जौनपुर व फतेहपुर में अभी भी कुछ मानक पूरे नहीं हो पाए हैं, ऐसे में एनएमसी ने इन दो मेडिकल कालेजों को मान्यता नहीं दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द मानक पूरा कर यह भी शुरू किए जाएंगे। राज्य में नए मेडिकल कालेज खुलने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
उत्तर प्रदेश में इन नए मेडिकल कालेजों के खुलने के बाद अब कुल 48 मेडिकल कालेज हो जाएंगे। यह नए स्थापित किए गए मेडिकल कालेजों का जुलाई में ही उद्घाटन किया जाना था, लेकिन एनएमसी से मान्यता न मिलने के कारण कार्यक्रम टाल दिया गया था। उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से कराए जाने की तैयारी थी। फिलहाल, एनएमसी द्वारा बताई गई कमियों को तेजी से पूरा करने का काम किया गया। सभी मेडिकल कालेजों में संकाय सदस्यों के 51-51 पद भी सृजित किए गए। लैब व लाइब्रेरी इत्यादि के मानकों को भी पूरा किया गया। अब फिलहाल नए खुले मेडिकल कालेजों को मान्यता मिलने के बाद अब इनका जल्द शुभारंभ किया जाएगा।
सभी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की सौ-सौ सीटें होंगी। अब छोटे जिलों से मरीजों को बड़े जिलों में इलाज के लिए दौड़ नहीं लगानी होगी। उन्हें अपने जिले में ही इलाज की बेहतर सुविधा मिलेगी। मालूम हो कि राज्य सरकार हर जिले में एक मेडिकल कालेज खोलना चाहती है। 16 जिलों में थ्री पी माडल पर मेडिकल कालेज खोलने के लिए निजी संस्थाओं से प्रस्ताव मांगे गए हैं।