गोंडा। आपरेशन कायाकल्प के साथ ही बेसिक शिक्षा की ओर से पूर्व माध्यमिक स्कूलों में डेस्क और बेंच की व्यवस्था किये जाने की कवायद हो रही है। सोशल सेक्टर से भी स्कूलों को संवारने का अभियान शुरू हो रहा है।
जिले के 3100 सरकारी स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अब आम जन भी सहयोग कर सकेंगे। इसके लिए ‘विद्यांजलि योजना 2.0’ शुरू की गई है। जिससे स्कूलों में बच्चों के लिए सुविधा देने के लिए समाज के लोग आगे आ सकेंगे। शैक्षिक विकास की चिंता करने के बजाए बच्चों की मदद करने का अवसर सरकार ने दिया है।
स्कूलों में पौने चार लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, इससे एक बड़ा तबका सीधे स्कूलों से जुड़ा है। आंकड़ों पर गौर करें तो बेसिक स्कूलों से बच्चों के परिवार के माता- पिता को ही जोड़ा जाए तो आठ लाख लोग जुड़े हैं। इसके अलावा 8600 रसोइया, 8100 शिक्षक, 3000 शिक्षामित्र, 500 से अधिक अनुदेशकों के साथ ही एक हजार के आसपास शिक्षणेत्तर कर्मी जुड़े हैं।
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