औरैया। नई शिक्षा नीति के तहत भले ही आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में परिवर्तित करने के प्रयास हो रहे हों, लेकिन स्थिति अभी इसके विपरीत ही है। जिले के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र समय से नहीं खुल रहे है। वहीं बच्चों को भी सिर्फ सप्ताह में दो दिन ही बुलाया जा रहा है। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर केंद्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में संचालित करने की तैयारी चल रही है।
जिले में 1327 आंगनबाड़ी केंद्र और, 462 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। जिसमें 1448 कार्यकर्ता तैनात है। इन केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरण कराने के साथ ही बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही इन केंद्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में संचालित करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। जिससे शिक्षा की स्तर सुधरें, लेकिन समय से केंद्र न खुलने से स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
मंगलवार को भाग्यनगर ब्लाक का सल्हूपुर का आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिला। केंद्र पर 76 बच्चे पंजीकृत बताए गए। क्षेत्र के ही गांव मुंशीपुर, तर्रई, द्वारिकापुर, सिंगलामऊ, बढुआ, काजीपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों की भी यही स्थिति है। यहां पर बच्चे कम होने के कारण आएदिन केंद्र बंद रहते है। केंद्र पर तैनात बेबी कुमारी, मंजू शुक्ला ने बताया कि अभी सोमवार और गुरुवार को ही बच्चे बुलाए जा रहे हैं। इसलिए स्थिति ऐसी है। वहीं बेला द्वितीय केंद्र खुला मिला। यहां पंजीकृत 89 बच्चों में आठ ही मौजूद दिखे। कार्यकर्ता बीना कुमारी ने बताया भवन निर्माण के चलते बच्चे प्राइमरी स्कूल में बैठ रहे हैं। वहीं भाग्यनगर ब्लाक के मुंशीपुर आंगनबाड़ी केंद्र खुला मिला, लेकिन बच्चे नहीं थे।
बिधूना ब्लाक के चिरूकुआ में प्राथमिक विद्यालय परिसर में बने आंगनबाड़ी केंद्र, सराय प्रथम और बंथरा के आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिले। तीनों केंद्रों पर कार्यकर्ता व सहायिका मौजूद नहीं थी। ऐसे में बेहतर शिक्षा और बच्चों के स्वास्थ्य का दावा करना बेमानी साबित होगी। बाल विकास परियोजना अधिकारी बिधूना विमलेश श्रीवास्तव ने बताया के शासन से बच्चों को केंद्र पर बुलाने के लिए दो दिन सोमवार व गुरुवार निर्धारित है। केंद्र सभी दिन खुलने के निर्देश है। यदि कोई केंद्र बंद मिलेगा तो कार्रवाई की जाएगी।
15 में पांच भवनों का चल रहा निर्माण
जिन जगहों पर आंगनबाड़ी केंद्र संचालित करने के लिए जगह नहीं थी। उसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने जिले के 15 जगहों पर नए भवनों का निर्माण कराना शुरू किया है। इनमें से नौ जगहों पर आंगनबाड़ी केंद्र बन कर तैयार है। वहीं पांच जगहों पर अभी निर्माण कार्य अधूरा है।
पोषाहार वितरण में उमड़ती भीड़
बच्चों और गर्भवती धात्री महिलाओं को पोषाहार वितरण के समय आंगनबाड़ी केंद्रों में संख्या में इजाफा देखने को मिलता है। एक केंद्र पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि बच्चों को बुलाया जा रहा है। इसके बाद भी केंद्र पर लोग बच्चे नहीं भेज रहे हैं। जब पोषाहार वितरण करने का समय आता है तो बच्चे और महिलाओं की उपस्थिति दिखाई देती है।
केंद्र बंद मिलने पर होगी कार्रवाई
सप्ताह में दो दिन (सोमवार व गुरुवार) को आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चे बुलाने के निर्देश है। शेष दिनों में केंद्र खोल कर अन्य गतिविधियां संचालित की जानी है। इसके लिए सभी को निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी केंद्र बंद रहते हैं तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी- शरद अवस्थी, जिला कार्यक्रम अधिकारी