बुलंदशहर। नई शिक्षा नीति के तहत जिले के आंगनबाड़ी केंद्र पर तीन से छह साल तक के बच्चों को प्ले स्कूलों की तरह प्री-प्राइमरी स्तर की शिक्षा देने की तैयारी की जा रही है। अभी तक किसी भी केंद्र पर बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर नहीं हैं। अन्य जरूरी संसाधन भी नहीं उपलब्ध कराए गए हैं।
जिले में संचालित 3967 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 58 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। उन्हें पढ़ाने के लिए 3200 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सप्ताह में दो दिन केंद्र खुलते हैं। विभागीय अफसरों का कहना है कि अभी तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर जरूरी सुविधाओं के लिए शासन की ओर से किसी तरह का बजट जारी नहीं किया गया है।
जनसहभागिता से होगा संसाधनाें का बंदोबस्त
बाल एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिओम वाजपेयी का कहना है कि जनसहभागिता से संसाधनों का बंदोबस्त होगा। इसके लिए एक एप बनाया गया है। इसकी शुरुआत फिलहाल 18 जिलों में की गई है। कोई भी समाजसेवी, उद्योगपति, ग्राम प्रधान आदि आंगनबाड़ी केंद्रों पर फर्नीचर आदि संसाधन के लिए सहयोग कर सकता है। शासन का आदेश मिलने पर जिले में भी यह पहल शुरू की जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग भी दिख रहा सुस्त
आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री-प्राइमरी स्तर की शिक्षा देने में बेसिक शिक्षा विभाग का विशेष सहयोग रहेगा। बच्चों को खेल-खेल में अक्षर ज्ञान और बैठने और बोलने का सही तरीका सिखाने के लिए बेसिक शिक्षकों को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। लेकिन अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग भी सुस्त दिख रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि विभाग की ओर से केंद्रों पर प्री-प्राइमरी स्तर की शिक्षा देने के लिए तैयारी चल रही है। अभी आंगनबाड़ी केंद्रों का पूरी तरह संचालन नहीं हो रहा है। शासन की ओर से भी आगामी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। इस संबंध में जो भी आदेश मिलेगा, उसी के आधार पर काम किया जाएगा।