गोरखपुर में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य अपूर्ण होने पर डीएम ने गहरी नाराजगी जताई है। लापरवाही बरतने वाले सात ग्राम पंचायत सचिवों का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। इसके अलावा 22 को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस सख्ती के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग में खलबली मची हुई है।
इन सचिवों का रोका गया वेतन
उरूवा विकास खंड के ग्राम पंचायत भरथरी के सचिव उमेश प्रसाद, ग्राम पंचायत रघुनाथपुर के सचिव रमेश चंद, विकास खंड कैंपियरगंज के ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर के सचिव देश दीपक यादव, विकास खंड गगहा के ग्राम पंचायत कुशमौरा के सचिव पुष्पेंद्र कुमार यादव, विकास खंड बड़हलगंज के ग्राम पंचायत छपरा के सचिव अशोक सिंह, ग्राम पंचायत मकरंदपुर के सचिव कृष्ण चंद शर्मा और विकास खंड ब्रह्मपुर के ग्राम पंचायत बकसुड़ी के सचिव शिवेष ओझा का अक्तूबर का वेतन रोक दिया गया है।
इन सचिवों से मांगा गया है जवाब
ग्राम पंचायत बरईपार के सचिव हीरालाल, चकजलाल के सर्मित कुमार, राजगढ़ के आशुतोष सिंह, बड़गो के वरुण शंकर पांडेय, डीहघाट के विजय प्रसाद गुप्ता, गजाईकोल के शिवेश ओझा, बरगदही के संजय मणि त्रिपाठी, चौरी के अमर कुमार गुप्ता, डुमरी के प्रवीण चंद, कैथवलिया हरख सिंह के अजीत कुमार, तीहा मुहम्मदपुर के कृष्ण चंद शर्मा, सोनबरसा के लोकेश कुमार, भीटी रावत के रामनरायन सिंह, जंगल अयोध्या प्रसाद की प्रीती अग्रहरि, ठाकुरपुर नंबर एक के उमेश कुमार, जंगल पकड़ी की सीमा शर्मा, रामूघाट के सुनील कुमार गुप्ता, एकमा के फरहीन खान, खूटभार की विजय लक्ष्मी, और कोठा के पवन कुमार शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
डीपीओ हेमंत कुमार सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में शिथिलता बरतने वाले आठ ग्राम पंचायतों के सात सचिवों का अक्तूबर का वेतन रोका गया है। इसके अलावा 22 ग्राम पंचायतों के सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। प्रयास किया जा रहा है कि अपूर्ण भवनों का काम जल्द पूरा करा लिया जाए।