कानपुर, जो बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में प्राथमिक स्तर की पढ़ाई करते हैं, उन्हें परिषदीय विद्यालयों में कैसे पढ़ाना है, इसके लिए अब जिले के तीन हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम के तहत होने वाली इस कवायद की शुरुआत जिले में शिवराजपुर से होगी।
जिला समन्वयक प्रशिक्षण प्रबोध प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम पहली बार शुरू होगा। इसके लिए जिले के 1559 परिषदीय विद्यालयों से एक-एक अध्यापक को प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा। विकासखंड वार विद्यालयों व प्रशिक्षण में खर्च होने वाले बजट की राशि को अंतिम रूप दे दिया गया है। शासन से इस संबंध में कई दिनों पहले निर्देश जारी हो गए थे। अब जल्द से जल्द प्रशिक्षण शुरू करा दिया जाएगा।
साढ़े चार लाख रुपये खर्च होंगे: बीएसए डा.पवन तिवारी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कुल साढ़े चार लाख रुपये खर्च होंगे। इस खर्च में स्टेशनरी, जेनरेटर, वीडियो, एल्बम, मास्क, सैनिटाइजर, फोटो, प्रमाण पत्र व भोजन शामिल हैै। उन्होंने बताया कि एक विकासखंड में दो दिनों तक प्रशिक्षण संचालित होगा। प्रशिक्षण के दौरान जिन शिक्षकों को सूचना भेजी जाएगी, उन सभी को उपस्थित रहना होगा। अगर शिक्षक प्रशिक्षण में शामिल नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
खेल-खेल में दी जाती शालापूर्व शिक्षा: आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह साल तक के बच्चों को खेल-खेल में शालापूर्व शिक्षा दी जाती है। अब नई शिक्षा नीति के तहत इन केंद्रों के बच्चों का प्रवेश कक्षा एक व दो से परिषदीय विद्यालयों में होना है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पहले ही शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना है।