उत्तर प्रदेश के बीएड कॉलेजों के लिए खबर अच्छी नहीं है। यहां बीएड में दाखिला लेने में अभ्यर्थी रुचि नहीं दिखा रहे हैं, यही कारण है कि लखनऊ विश्वविद्यालय को फीस जमा करने के लिए बार-बार तारीखें बढ़ानी पड़ रही हैं। मुख्य काउंसलिंग के चार चरणों में आवंटित हुई सीटों पर दाखिले के लिए अभ्यर्थी आ ही नहीं रहे हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय ने सोमवार को लगातार तीसरी बार फीस जमा करने की तारीख बढ़ाई है। अब अंतिम तिथि 30 अक्तूबर हो गई है। बता दें कि 12 अक्तूबर को चौथे चरण के सीट आवंटन का परिणाम घोषित हुआ था। मुख्य काउंसलिंग के चार चरणों में बीएड की 251125 सीटें के सापेक्ष 164188 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 131841 को सीट आवंटित की गई थी। चौथे और इससे पहले के तीन चरणों के अभ्यर्थियों को पहले 14 अक्कूबर तक फीस जमा करनी थी। बाद में इसे बढ़ाकर 22 अक्तूबर किया गया और अब यह 30 अक्तूबर हो गई है।
पूल काउंसलिंग में पंजीकरण, च्वाइस फिलिंग का आज आखिरी दिन
बीएड प्रवेश समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेई ने बताया कि पूल काउंसलिंग में पंजीकरण और च्वाइस फिलिंग के लिए 26 अक्तूबर यानी मंगलवार तक आखिरी मौका है। पूल काउंसलिंग के पंजीकरण मंगलवार को शाम 6 बजे तक और च्वाइस फिलिंग रात 12 बजे तक होगी। बुधवार को पूल काउंसलिंग के परिणाम जारी किए जाएंगे। वहीं पहले से तय शेड्यूल के अनुसार एक नवम्बर से दाखिला ले चुके अभ्यर्थियों को आवंटित कॉलेजों में रिपोर्टिंग करनी है।
ज्यादा फीस, नतीजों में देरी बन रही रोड़ा
दाखिलों में अभ्यर्थियों के कम आने का एक बड़ा कारण सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की मनमानी फीस है। पूल काउंसलिंग के लिए भी अभ्यर्थियों को पंजीकरण के समय ही 52 हजार रुपए जमा करने हैं। यह अभ्यर्थियों के कम आने की वजह है। दूसरी ओर अब भी प्रदेश के कई विश्वविद्यालय हैं जहां यूजी अंतिम वर्ष के नतीजे नहीं घोषित हुए हैं जिसके कारण अभ्यर्थी अपनी स्नातक की मार्कशीट जमा नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से भी दाखिले प्रभावित हो रहे हैं।
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