लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित उत्तर प्रदेश संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा 2021-23 की काउंसिलिंग का पहला चक्र 16 अक्टूबर को पूरा हो गया। इस दौरान 2,51,125 सीटों के सापेक्ष 1,64,188 अभ्यर्थियों ने ही काउंसिलिंग के लिए पंजीकरण किया। उनमें से भी सिर्फ 1,31,841 अभ्यर्थियों को बीएड महाविद्यालयों में सीटें आवंटित हुईं। शेष 1,19,284 सीटें अब तक खाली हैं। ऐसे में बचे हुए अभ्यर्थियों को 22 अक्टूबर से शुरू होने वाली पूल काउंसिलिंग में दखिले का मौका दिया जाएगा।
लखनऊ विश्वविद्यालय ने बीते 17 सितंबर से बीएड दाखिले के लिए काउंसिलिंग की शुरुआत की थी। चार चक्र में हुई काउंसिलिंग के अंतर्गत अभ्यर्थियों को 16 अक्टूबर तक मौका दिया गया था। बीएड प्रवेश की राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि अब जितनी भी सोट खाली हैं, उन पर प्रवेश के लिए 22 अक्टूबर से पूल काउंसिलिंग के पंजीकरण शुरू होंगे 26 तक च्वाइस फिलिंग का मौका रहेगा। 27 अक्टूबर को पूल काउंसिलिंग के आवंटन के परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट Ikouniv.ac.in पर अपलोड किए जाएंगे।
5,32,207 अभ्यर्थी हुए थे पास
बीएड प्रवेश परीक्षा में 5,91,305 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 5,33, 457 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। परिणाम के अनुसार 5,32,207 अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए अर्ह पाया गया। उम्मीद थी कि पहले चरण की काउंसिलिंग पूरी होने पर ज्यादातर सीटें भर जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नतीजा, 119,284 सीटें अब तक खली है।
जमा करनी होगी पूरी फीस
पूल काउंसिलिंग में प्रतिभाग करने के लिए अभ्यर्थियों को पूरा शुल्क जमा करना होगा। इस काउंसिलिंग में वे सभी अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने मुख्य काउंसिलिंग में प्रतिभाग नहीं किया है या मुख्य काउंसिलिंग में शामिल होने के बाद भी उन्हें कोई सीट आवंटित नहीं हो सकी। इसके अलावा वे अभ्यर्थी जिन्हें मुख्य काउंसिलिंग के किसी भी चरण में सीट आवंटित हुई लेकिन शेष शुल्क का भुगतान नहीं कर सके हैं।
बीएड में सरकारी कॉलेजों की सीटें केवल 7-8 हजार ही हैं। बाकी सहायता प्राप्त या फिर प्राइवेट कॉलेजों की हैं। सरकारी कॉलेजों की सारी सीटें तो पहले ही राउंड में भर गईं और सहायता प्राप्त भी लगभग फुल हो चुकी हैं। बची सीटें प्राइवेट कॉलेजों की हैं, जहां मनमाने तरीके से फीस वसूली जाती है। इसीलिए इन कॉलेजों में दाखिला लेने से अभ्यर्थी कतराते हैं। उधर कॉलेजों की बात करें तो कई ऐसे भी हैं, जहां काउंसलिंग के चार राउंड होने के बाद भी एक भी सीट किसी अभ्यर्थी को एलॉट नहीं हुई है। इन कॉलेजों को अब सीधे प्रवेश का ही सहारा है, क्योंकि इनके मुताबिक पूल काउंसलिंग से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ने वाला।
22 से शुरू होनी है पूल काउंसलिंग
राज्य बीएड प्रवेश समन्यवक प्रो. अमिता बाजपेई के अनुसार, चार राउंड में जिन अभ्यर्थियों को सीट एलॉट की गई है, यदि वे बैलेंस फीस जमा नहीं करते हैं तो उनका एलॉटमेंट रद्द हो जाएगा। ऐसे में पूरी संभावना है कि जितनी सीटें अभी तक एलॉट हो चुकी हैं, उनमें से भी कुछ बच जाएं, क्योंकि कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने काउंसलिंग तो करवा ली लेकिन दाखिला नहीं ले रहे हैं।