केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को चार वर्षीय इंटीग्रेटेड अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) को अधिसूचित किया है। यह एक दोहरी समग्र स्नातक डिग्री है जिसके तहत बीए-बीएड / बीएससी बीएड और बीकॉमबीएड कोर्स पेश किया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, ”यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत अध्यापक शिक्षा से संबंधित किए गए प्रमुख प्रावधानों में से एक है।”
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, वर्ष 2030 से शिक्षकों की भर्ती केवल आईटीईपी के माध्यम से होगी। इसे शुरू में देश भर के लगभग 50 चयनित बहु-विषयक संस्थानों में पायलट (प्रायोगिक) प्रारूप में पेश किया जाएगा।
मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस पाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार किया है कि यह एक छात्र-शिक्षक को शिक्षा में डिग्री के साथ-साथ इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र, या वाणिज्य जैसे विशिष्ट विषयों में डिग्री प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
शिक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ”एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम न केवल आधुनिक अध्यापन कला का ढांचा तैयार करेगा, बल्कि प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान (एफएलएन), समावेशी शिक्षा और भारत एवं इसके मूल्यों/लोकाचार /कलाओं/परंपराओं एवं अन्य चीजों की समझ विकसित करने में आधार तैयार करने का काम करेगा।”
इसमें कहा गया है कि यह कार्यक्रम उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक शिक्षा के बाद शिक्षण को एक पेशे के रूप में लेना चाहते हैं।
मंत्रालय ने बताया, ” इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को काफी लाभ होगा क्योंकि वे वर्तमान बी.एड पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक पांच साल के बजाय चार साल में ही इसे पूरा कर लेंगे, जिससे उनके एक साल की बचत होगी। चार वर्षीय आईटीईपी की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2022-23 से होगी।”
बयान के अनुसार, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (एनसीईटी) के जरिए इस पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा।