चंदौली:-
शिक्षा व्यवस्था और मिशन कायाकल्प का किस तरह मजाक बन रहा है यह देखना हो तो आप चंदौली जिले के नौगढ़ ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय औरवाटांड़ आइए। यहां दो कमरे हैं। दोनों में प्रधानाध्यापक, एक शिक्षामित्र और उनका परिवार स्थायी रूप से रहता है। कमरे में टेबल-कुर्सी नहीं बल्कि पलंग सहित गुरुजी की चारपाई है। जहां वे रात को सोते हैं और दिन में पढ़ाते हैं। बच्चे उसी कमरे के कोने या फिर गलियारे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं प्रधानाध्यापक ने विद्यालय में ही एक निजी आवास का निर्माण भी शुरू करा दिया है।
मिशन कायाकल्प के तहत स्कूलों में सुधार व सुविधाओं के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन पिछड़े ब्लॉक नौगढ़ में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। पहले भी यहां के कई स्कूलों में तबेला, बकरियों के पालन, भूसा रखे जाने और कब्जा किए जाने की खबरें अमर उजाला ने प्रकाशित की है। इसी क्रम में अमर उजाला की पड़ताल में बृहस्पतिवार को एक ऐसा स्कूल दिखा, जिसने हैरत में डाल दिया। जी हां, नौगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय औरवाटांड़ में टेबल, कुर्सी की जगह गुरुजी की चारपाई लगी हुई मिली। उस पर बेड और मच्छरदानी भी लगी थी।
बच्चे कहां पढ़ेंगे ये निश्चित नहीं है। कभी गलियारे में तो कभी कमरे के कोने में बच्चों को बैठाकर नाम की पढ़ाई करा दी जाती है। प्राथमिक विद्यालय में दो कमरे, एक ऑफिस और गलियारा हैं। दोनों कमरों में प्रधानाध्यापक, एक शिक्षामित्र और उनका परिवार काफी दिनों से रह रहा है। कमरे में घरेलू सामान बिखरे हुए थे। सुबह 11.30 जब अमर उजाला की टीम विद्यालय पहुंची तो छात्र बाहर घूमते हुए मिले। विद्यालय की फर्श टूटी हुई थी। दीवारों का रंग उड़ चुका था। प्राथमिक विद्यालय औरवाटांड़ के चारदिवारी के अंदर विद्यालय के जमीन पर ही प्रधानाध्यापक द्वारा निजी आवास बनाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुजी अब इसी में रहना चाहते हैं।
यह काफी गंभीर मामला है। इस पर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही विद्यालय को कब्जामुक्त कराया जाएगा और विद्यालय में बन रहे भवन को गिराया जाएगा। – अवधेश नारायण सिंह, एबीएसए