गोरखपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) सिरदर्द साबित हो रहा है। शासन डीबीटी एप पर बच्चों का ब्योरा पूर्ण करने पर जोर दे रहा है। जबकि तकनीकी परेशानी व खातों की निष्क्रियता विभाग के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं।
शासन स्तर से भी यह फैसला हो चुका है कि यह धनराशि केवल उन्हीं खातों में भेजी जाएगी, जिनमें पिछले दो महीने में लेनदेन हुआ हो। निष्क्रिय खातों में धनराशि नहीं भेजी जाएगी।
जनपद में कक्षा एक से आठ तक के कुल 3.34 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के जरिए स्कूल बैग, यूनीफार्म व जूता-मोजा के लिए ग्यारह सौ रुपये प्रति छात्र धनराशि स्थानांतरित की जानी है।
सत्यापन में जिले में लगभग दो सौ अभिभावकों के बैंक खाते निष्क्रिय मिल हैं। जबकि साढ़े तीन हजार आधार कार्ड ऐसे पाए गए हैं जिनका सही ब्योरा अभी तक विभाग को उपलब्ध नहीं हो सका है, जिसके कारण इनके खातों में धनराशि स्थानांतरित करना संभव नहीं है।
योजना के तहत जिले में महज दो लाख छात्रों के ब्योरे का ही सत्यापन हो सका है, जिसमें से 1.20 लाख छात्रों के अभिभावकों के खाते में धनराशि स्थानांतरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। शेष का आधार प्रमाणीकरण हो रहा है।
जिन अभिभावकों के खाते निष्क्रिय हैं शिक्षक उनसे संपर्क कर खाता सक्रिय कराने के लिए प्रयासरत हैं। जिनके आधार का सही ब्योरा अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका है उसके लिए भी निर्देशित कर दिया गया है। जल्द ही पोर्टल पर फी¨डग का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए