लखनऊ: दिवाली से पहले योगी सरकार कर्मचारियों के अलावा बच्चों को भी तोहफा देने की तैयारी में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह तोफा दिवाली से पहले अभिभावकों के खाते में पहुंच जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। विभाग के अनुसार लखीमपुर के जिले के दो लाख 13 हजार 971 बच्चों को ड्रेस, जूता मोजा व स्कूल बैग का पैसा दिवाली के पहले उनके अभिभावकों के खाते में पहुंच जाएगा। इन बच्चों का डाटा फाइनल हो चुका है।
अभिभावकों के खातों में 1056 रुपए भेजे जाएंगे। वही विभाग में पंजीकृत पांच लाख 70 हजार 560 बच्चों में से तीन लाख 73हजार 528 बच्चों का डाटा पोर्टल पर लॉक किया गया है। इसमें से 63 हजार बच्चों के अभिभावकों का जो बैंक एकाउंट है वह आधार से सीड नहीं है। वहीं 3566 बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते ऐसे हैं जिनमें लम्बे अरसे से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। यह खाते निष्क्रिय हैं। बीएसए ने बताया कि जिन अभिभावकों के बैंक एकाउंट आधार से सीड नहीं हैं वह तुरंत करा लें। निष्क्रिय खातों को चालू करा दें।
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विभाग ड्रेस, जूता, मोजा व स्कूल बैग देता है। अब तक विभाग खुद ही बांटता था। अब शासन ने निर्णय लिया है कि इसका पैसा अभिभावकों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजा जाएगा। अभिभावक खुद ही बाजार से ड्रेस, जूता मोजा व स्कूल बैग खरीदेंगे। इसके लिए एक स्पेशल मोबाइल एप प्रेरणा डीबीटी पोर्टल तैयार किया। शिक्षको ने इस पोर्टल पर बच्चों का पूरा डाटा, अभिभावकों के बैंक एकाउंट आदि फीड किए। एबीएसए ने डाटा सत्यापित करके फारवर्ड किया। वहीं बीएसए ने जांच के बाद इसको लॉक किया।
बीएसए डॉ.लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने बताया कि पहले चरण में खीरी जिले के 58 बैच में तीन लाख 73 हजार 528 बच्चों का डाटा लॉक किया गया। इनमें दो लाख 80 हजार 851 लाभार्थियों के खाते हैं। इन खातों में दो लाख 13 हजार 791 आधार से सीड मिले हैं। इसमें से 63494 खाते आधार से सीड नहीं हैं जबकि 3566 खाते निष्क्रिय हैं। जितने खाते आधार से सीड मिले हैं उन खातों में दिवाली से पहले ड्रेस, जूता, मोजा व स्कूल बैग की धनराशि करीब 1056 रुपए भेजी जाएगी।
डीबीटी डाटा तैयार करने में भी खीरी अव्वल
बीएसए डॉ.लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने बताया कि डीबीटी प्रेरणा पोर्टल पर डाटा फीडिंग में खीरी जिला प्रदेश में अव्वल है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की मेहनत के कारण डाटा तैयार किया गया है। बीएसए ने बताया कि जिन अभिभावकों के खाता आधार से लिंक नहीं हैं वह तुरंत आधार से लिंक करा लें। इसके अलावा जिन अभिभावकों के खाते निष्क्रिय हैं वह बैंक जाकर अपने खातों से लेनदेन करके उनको एक्टिव करा लें जिससे बच्चों के ड्रेस, स्वेटर का पैसा भेजा जा सके। उन्होंने बताया कि पैसा बैंक में आते ही उससे बच्चों को ड्रेस, जूता मोजा व स्वेटर खरीदकर दें। यह पैसा दूसरी जरूरतों पर न खर्च करें।