अब गंभीर दिव्यांग बच्चों को शिक्षक घर पर ही पढ़ाएंगे। ऐसे बच्चों को 3500 रुपये शिक्षण सामग्री भी मिलेगी। जिलों में विशेष प्रशिक्षक व फिजियोथेरेपिस्ट उनके घर जाकर बच्चों को शिक्षण व प्रशिक्षण देंगे। होम बेस्ड एजुकेशन का लाभ उन बच्चों को ही मिल सकेगा जो दिव्यांगता के कारण विद्यालय आने में असमर्थ हैं। मंडल (चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी) में 738 गंभीर दिव्यांग बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार ने समेकित शिक्षा योजना में ऐसे दिव्यांग बच्चे जो गंभीर हैं, उन्हें घर पर ही शिक्षा ग्रहण कराने का निर्णय लिया है। मंडल में इस वर्ष होम बेस्ड एजुकेशन के तहत गंभीर रूप से दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए 26 लाख 88 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश है कि शिक्षण सामग्री जेम पोर्टल के माध्यम से ही खरीदी जाए। विशेष प्रशिक्षण शिक्षण सामग्री की सूची तैयार कर बीएसए को सौपेंगे।
जिला गंभीर दिव्यांग राशि
वाराणसी 150 5,25,000
चंदौली 120 4,20,000
जौनपुर 238 8,33,000
गाजीपुर 260 9,10,000
स्कूल महानिदेशक के आदेश प्राप्त होने के बाद जिला समन्वयक समेकित शिक्षा को ऐसे बच्चों को घर पर पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक और फिजियोथेरेपिस्ट तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे गंभीर दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षण सामग्री जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी जाएगी।- राकेश सिंह, बीएसए
आज लगेगा उपकरण मापन कैंप
परिषदीय विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक के छह से 14 साल के दिव्यांग बच्चों को के उपकरणों के मापन के लिए सोमवार व मंगलवार को कैंप लगाया गया है। सोमवार को यह कैंप बीआरसी बड़ागांव पर सुबह नौ से लगेगा वहीं मंगलवार को चिरईगांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भोहर में कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में आने वाले बच्चे को अपना दिव्यांगता प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड एवं पासपोर्ट साइज की तीन फोटो लाना होगा। उपकरणों का वितरण 25 व 26 नवंबर को होगा। उक्त जानकारी जिला समन्वयक समेकित शिक्षा त्रिलोकी नाथ शर्मा ने दी