औरैया। सब्जी, तेल व रसोई गैस की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका असर अब परिषदीय व सहायता प्राप्त जूनियर स्कूलों में बन रहे एमडीएम पर भी पड़ता दिख रहा है। प्रति बच्चा कन्वर्जन कास्ट की पुरानी लागत से एमडीएम बनवा रहे गुरुजी भी लगभग दोगुनी कीमतों पर खाना बनवाने पर मजबूर हैं। वहीं शिक्षक संघों का कहना है कि यदि महंगाई के हिसाब से कन्वर्जन कास्ट में बढ़ोतरी न की गई तो मजबूरन खाना बनवाना बंद करना पड़ेगा।
कोरोना के कारण लंबे समय बंद रहे परिषदीय व सहायता प्राप्त स्कूल खुलते ही बच्चों के लिए एमडीएम भी बनना शुरू हो गया है। इसी के साथ खाद्य पदार्थों में बढ़ती महंगाई का भी संकट आ गया। स्कूलों में खाना बनाने के लिए शासन से केवल रसोइयों को मानदेय पर रख गया है। इसके अलावा प्रतिदिन खर्च होने वाले तेल, गैस, सब्जी, सोयाबीन, दाल व मसालों आदि का प्रबंध प्रधानाध्यापक या जिम्मेदार शिक्षक को करना होता है। जिसके लिए प्रति बच्चा प्राइमरी स्तर पर 4.97 पैसे व जूनियर स्तर पर 7.45 पैसे शासन से भेजे जाते हैं।