चंदौली/नौगढ़। प्राथमिक विद्यालय लौवारी खुर्द में मंगलवार को बच्चों के पहुंचने के एक घंटे बाद तक ताला बंद रहा। चार शिक्षकों में से एक भी शिक्षक नहीं पहुंचे थे। विद्यालय में शौचालय के काम से पहुंचे प्रधान यशवंत यादव ने जब बच्चों को गेट पर खड़े देखा तो उन्होंने रसाइया के घर से चाभी मंगाकर ताला खुलवाया। इसके बाद पहुंची महिला शिक्षामित्र और प्रधान ने प्रार्थना कराया। दिन में 11 बजे अन्य शिक्षक पहुंचे जबकि शिक्षकों के विद्यालय पहुंचने का समय 8:30 बजे है। 9 बजे से कक्षाएं प्रारंभ करने का समय होता है।
प्राथमिक विद्यालय, लौवारी कला में प्रधानाध्यापक, एक सहायक अध्यापक और दो शिक्षामित्र कार्यरत हैं। लौवारी कला के ग्रामीणों ने बताया कि कभी भी शिक्षक विद्यालय समय से नहीं आते। जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। वहीं आए दिन बच्चों को स्कूल के गेट पर ही घंटों खड़ा रहना पड़ता है। विद्यालय में 46 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। मंगलवार को सुबह 10 बजे तक एक भी अध्यापक नहीं पहुंचे। जबकि बच्चे स्कूल के बाहर गेट पर खड़े थे। विद्यालय में बिजली का केबल बनवाने और शौचालय मरम्मत के कार्य से पहुंचे ग्राम प्रधान यशवंत यादव ने जब देखा कि बच्चे बाहर खड़े हैं तो उन्होंने रसाइया शीला के घर से विद्यालय की चाबी मंगवाकर ताला खोला और थोड़ी देर बाद पहुंची शिक्षामित्र निशा के साथ प्रधान ने बच्चों को प्रार्थना और राष्ट्रगान कराया। ग्राम प्रधान ने उपस्थिति पंजिका मंगाकर शिक्षकों को अनुपस्थित करने के बाद बीएसए को मोबाइल पर जानकारी दिया। उन्होंने बच्चों में बिस्कुट बांटकर रोज विद्यालय आने को कहा। गांव के श्रीकांत, हेमनाथ, प्रदीप कुमार ने बताया कि काफी समय से विद्यालय में शिक्षकों के विलंब से आने की शिकायत की जा रही है पर कोई इस पर ध्यान नहीं देता। इस संबंध में बात करने पर एबीएसए अवधेश नारायण सिंह ने बताया कि समय से अध्यापकों का स्कूल नहीं जाना गलत है। वे विद्यालय जाकर इस मामले की जांच करेंगे। साथ ही लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को संस्तुति पत्र भेजा जाएगा।