प्रयागराज: फर्जी आईपीएस बनकर परिषदीय स्कूल के शिक्षक को ब्लैकमेल करने वाला प्रतियोगी छात्र गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ ने उसे सिविल लाइंस से पकड़ा। इस दौरान वह बकायदा वर्दी पहने हुआ था। उसके कब्जे से मोबाइल, स्कूटी समेत उस शिक्षक से संबंधित कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिसको वह ब्लैकमेल कर रहा था। एसटीएफ ने उसे सिविल लाइंस पुलिस को सौंप दिया है, जिससे देर रात तक पूछताछ जारी रही।
एसटीएफ अफसरों ने बताया कि रविवार को सूचना मिली थी कि फर्जी आईपीएस बनकर ब्लैकमेल करने वाला हाईकोर्ट हनुमान मंदिर के पास आने वाला है। इस पर घेराबंदी कर उसे दबोच लिया गया। थाने लाकर पूछताछ की गई तो पता चला कि खुद को एसटीएफ लखनऊ में तैनात आईपीएस अफसर रविंद्र कुमार पटेल बताने वाला युवक असल में विपिन कुमार चौधरी निवासी बड़ी अढ़ौली, कुम्हियावां थाना महेवाघाट है। वह वर्तमान में राजरूपपुर में किराये के कमरे में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है।
रौब दिखाकर ले लिए थे दस्तावेज व रिकॉर्ड
एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु सिंह ने बताया कि आरोपी ने रौब दिखाकर मनकापुर प्राथमिक विद्यालय, कौशाम्बी में तैनात सहायक अध्यापक सुशील कुमार सिंह के संबंधित रिकॉर्ड व दस्तावेज निकलवा लिए थे। सुशील पहले बतौर शिक्षामित्र फतेहपुर के परसिद्धपुर धाता में तैनात था।
आरोपी आईपीएस बनकर वहां पहुंचा और रौब दिखाकर सहायक अध्यापक राजेश सिंह से 2006 से 2019 तक के अध्यापकों की उपस्थिति संबंधी रिकॉर्ड की छायाप्रति ले ली। इसी तरह शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यालयों में पहुंचकर सुशील से संबंधित शैक्षिक दस्तावेजों की छायाप्रति हासिल कर ली थी। इसी के सहारे वह सुशील सिंह को ब्लैकमेल कर रहा था।
बोला- बदला लेने के लिए किया फर्जीवाड़ा
एसटीएफ के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी मां भी उसी स्कूल में शिक्षक हैं, जहां सुशील सिंह तैनात है। उसे लगता था कि बीआरसी में जान पहचान होने के कारण सुशील उसकी मां की ड्यूटी चुनाव व अन्य कार्यों में लगवाकर उन्हें प्रताड़ित करवाता था। इसी का बदला लेने के लिए फर्जी आईपीएस अफसर बनकर उसने उसे ब्लैकमेल करने की सोची।
इसके बाद उसने यूट्यूब से आईपीएस की यूनिफार्म की जानकारी ली और फिर वर्दी सिलवाकर फर्जीवाड़ा करने लगा। एसटीएफ अफसरों ने बताया कि मामले में परसिद्धपुर प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक राजेश सिंह ने सिविल लाइंस थाने में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को सिविल लाइंस पुलिस को सौंप दिया गया है।