प्रतापगढ़,: आंगनबाड़ी केंद्रों को दाल, रिफाइंड और घी की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी निभाने वाले महिला समूहों को नौ माह से पारिश्रमिक नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। समूहों ने नौ माह से फूटी कौड़ी नहीं मिलने पर ब्लॉकों से पोषक आहार का उठान करने से हाथ खड़ा कर दिए हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए स्वयं सहायता समूहों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर सूखा राशन, घी, रिफाइंड, दाल मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। समूह की महिलाएं प्रतिमाह कोटेदारों के यहां से राशन और अन्य सामग्रियों का सीडीपीओ कार्यालय से उठान कर आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाती थी। बाद में राशन के उठान पर प्रतिबंध लगाकर पौष्टिक आहार की आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई।
जिले के 3254 आंगनबाडी केंद्रों में पौष्टिक आहार की आपूर्ति करने के लिए 1193 महिला स्वयं सहायता समूहों को लगाया गया है। इन समूहों को नौ माह से पारिश्रमिक का भुगतान नहीं होने से जिले की 17,895 महिलाओं को झटका लगा है। अभी तक अपने जेब से किराया खर्च करके पौष्टिक आहार केंद्रों तक पहुंचाने वाली समूह की महिलाओं ने अब काम करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
इससे सीडीपीओ कार्यालय में आने वाली सामग्री डंप है। समहू की महिलाओं की मांग है कि पारिश्रमिक अगर नहीं मिल रहा है, तो वाहनों के किराए का भुगतान कर दिया जाए, मगर शासन में बैठे अफसर सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।
महिला स्वयं सहायता समूहों को फरवरी से पारिश्रमिक नहीं मिला है। शासन को मांगपत्र भेजा गया है, जल्द ही समूहों के खाते में धनराशि पहुंचेगी। -डॉ. एनएन मिश्रा, डीसी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन