अलीगढ़,। मिशन प्रेरणा के प्रमुख दस्तावेज भरने में ही जब पसीने आ रहे हों तो मिशन प्रेरणा के जरिए शिक्षा गुणवत्ता हासिल करने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा? ये सवाल शिक्षकों के साथ-साथ अफसरों व बेसिक शिक्षा विभाग के सामने भी चुनौती से कम नहीं है। शिक्षकों ने इस संबंध में अपने संबंधित अधिकारियों को अवगत कराते हुए इसके प्रशिक्षण की मांग भी उठाई है। मगर जब तक प्रशिक्षण नहीं मिलता और शिक्षक इन दस्तावेजों को भरने में दक्ष नहीं होते तब तक प्रेरणा लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद करना भी शायद बेईमानी ही साबित होगा।
यह है मिशन प्रेरणा
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों ने शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्य करने का दबाव बनाए जाने का विरोध किया। जिलाध्यक्ष डा. राजेश चौहान ने बताया कि मिशन प्रेरणा के विभिन्न दस्तावेज जैसे शिक्षक डायरी, ई-पाठशाला रजिस्टर आदि को भरने के लिए बीआरसी स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिए जाने की मांग उठाई गई है। बताया कि तमाम विद्यालयों के शिक्षको को इन दस्तावेजों को पूरा करने में ही काफी परेशानी होती है। इसकी शिकायतें भी कई ब्लाक से आई हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जब से विद्यालय खुले हैं तब से शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्य करने का दबाव बनाया जा रहा है। महासंघ इसका विरोध करता है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि खंड शिक्षाधिकारी व अफसर शिक्षकों को निलंबित कर रहे हैं। इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मांग की कि शिक्षकों का निलंबन वापस लेकर रुका या काटा गया वेतन जल्द निर्गत कराया जाए। जिला महामंत्री सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षकों से जबरन डीबीटी का कार्य कराया जा रहा है। पहले ही अवगत कराया गया है कि शिक्षक कंप्यूटर पर फीडिंग करने में दक्ष नहीं हैं। मांग उठाई कि यह काम बीआरसी पर कंप्यूटर आपरेटर से कराया जाए। चयन वेतनमान की सूची में जो शिक्षक छूटे हैं उनका चयन वेतनमान लगाकर सूची जारी करने की मांग भी उठाई। कहा कि डीबीटी का कार्य जबरदस्ती कराए जाने की कोशिश की जा रही है। जबकि बार-बार जनपद स्तर से लेकर प्रांत स्तर तक शासन प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है कि शिक्षक इसमें दक्ष नहीं है इसलिए डीबीटी का कार्य केवल बीआरसी स्तर पर कंप्यूटर आपरेटर से ही कराया जाए।
समस्या गंभीर
जिला महामंत्री सुशील कुमार शर्मा ने बताया के चयन वेतनमान की सूची में जो टीचर्स छूटे हुए हैं उनका तुरंत निस्तारण कर उनका चयन वेतनमान लगा कर सूची जारी की जाए। संगठन के पदाधिकारियों पर साजिश के तहत विभागीय कार्यवाही की जा रही है, जिसको कि संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। जिन पर कार्यवाही की गई है उनको ससम्मान आरोप मुक्त किया जाए। इसके बाद बताया कि बाहर से आए हुए शिक्षकों को अभी तक विद्यालय आवंटित नहीं किए गए हैं जोकि गंभीर समस्या बनी हुई है। इसके साथ साथ छह अक्टूबर को पितृ अमावस्या को अवकाश घोषित करने की मांग की जिससे हिंदू समाज अपने पूर्वजों के सम्मान में अपने घार्मिक कार्य कर सकें।