लखनऊ: प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर भर्ती के संबंध में जल्द फैसला होने की उम्मीद है। भर्ती का अधिकार पहले की तरह विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को ही देने पर विचार चल रहा है।
उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) के आह्वान पर गत पांच अक्तूबर को सभी जिला मुख्यालयों पर दिए गए धरने में यह मुद्दा भी उठाया गया था। महासंघ का कहना है कि महाविद्यालयों में वर्षों से रिक्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए, जिससे महाविद्यालयों के कार्य एवं प्रगति सुचारु रूप से चल सके।
तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कराने की योजना पूर्व में तैयार की गई थी। इस योजना का सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के प्रबंध तंत्र ने तीव्र विरोध किया था। इसी तरह कुलपतियों ने भी तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर चयन पूर्व की भांति विश्वविद्यालयों के माध्यम से ही कराए जाने पर सहमति जताई थी। सूत्रों के अनुसार शासन स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है।